भोपाल ,कोलार सिक्स लेन में अनियमितताओं पर 7 दिन में स्पष्टीकरण के लिए मप्र शासन को सीआरपीसी की धारा 80 के तहत 15 बिंदुओं का कानूनी नोटिस दिया गया है। इसमें भोपाल कमिश्नर, कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर और लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री को पक्षकार बनाया गया है। नोटिस में कहा गया है कि निर्धारित अवधि में जवाब नहीं दिया गया, तो संबंधित न्यायालय में केस फाइल किया जाएगा।
मप्र कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अमिताभ अग्निहोत्री ने बताया कि विभागीय मंत्री ने 22 दिसंबर- 22 को विधानसभा में जानकारी दी थी कि सड़क चौड़ीकरण के मामले में निजी संपत्ति तोड़ने का अधिकार नहीं है, लेकिने अधिकारियों ने इसका पालन नहीं किया। टेंडर और वर्क ऑर्डर में सड़क की लंबाई 15:10 मीटर बताई गई लेकिन चौड़ाई का जिक्र नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि जब विश्वभर में सीमेंट कांक्रीट रोड का विरोध हो रहा है, तब कांक्रीट की रोड क्यों बनाई जा रही है। इसमें खर्च भी ज्यादा होता है।
पीडब्ल्यूडी और नगर निगम ने रोड बनाते समय अतिक्रमण, मकान आदि का सर्वे नहीं किया और न ही नोटिफिकेशन जारी किया गया। अग्निहोत्री ने बताया कि सिक्सलेन के निर्माण से दो साल पहले सीवेज लाइन और 4 साल पहले केरवा डैम प्रदाय पाइप लाइन डाली गई थी, जिसे अब तोड़ा जा रहा है। इससे शासकीय धन की बरबादी हो रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि कोलार रोड पर दुकानों, मकानों, पेयजल लाइन को तोड़े बिना एलिवेटेड हाइवे क्या नहीं बनाया जा रहा। बनने से कोलर रोड नागरिकों की दिनचर्या को प्रभावित करने वाली गतिविधियां होंगी। इसके अलावा पेड़ भी काटे जा रहे हैं, इसकी अनुमति वन सहित अन्य विभागों से कब ली गई है। अग्निहोत्री ने कहा कि उनकी मांग है कि कोलार रोड के चौड़ीकरण: की अपेक्षा कोलार तिराहे से इनायतपुरा तक 12 किमी तक का एलिवेटेड हाईवे बनाया जाएं।