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सलकनपुर में 29 से 31 मई तक देवी लोक महोत्सव (salkanpur devi lok)

Salkanpur devi lok

भोपाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश की पवित्र धरती पर सदैव माँ की कृपा रही है। उज्जैन में भगवान शिव के आशीर्वाद से श्रीमहाकाल लोक विकसित हुआ। अब सीहोर जिले के सलकनपुर में देवी लोक का निर्माण किया जाएगा। आगामी 31 मई को भूमि-पूजन एवं शिला-पूजन कार्यक्रम होने जा रहा है। देवी लोक के निर्माण में जन-जन का योगदान हो, इस उद्देश्य से ग्रामों से ईंट/शिला संकलन का कार्य प्रारंभ हो रहा है, जो माँ के चरणों में अर्पित की जाएंगी। श्रद्धालुओं का यह उत्साह और देवी लोक निर्माण के लिए बना वातावरण मैया की कृपा से ही संभव हुआ है। मुख्यमंत्री चौहान आज मुख्यमंत्री निवास में ग्राम और नगर स्तरीय आयोजन समितियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने देवी लोक महोत्सव के पूर्व ग्रामों से शिलाएँ एकत्र करने के लिए रथ यात्रा रवाना की। एकत्र शिलाओं का उपयोग देवी लोक के निर्माण के लिए किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने सिर पर देवी जी की चरण पादुका रख कर रथ यात्रा के वाहन को सौंपी। मुख्यमंत्री चौहान की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान ने भी यात्रा के लिए चरण पादुकाएँ प्रदान की। मुख्यमंत्री चौहान ने देवी लोक महोत्सव की डीपी और पोस्टर का अनावरण किया। लघु फिल्म के माध्यम से देवी लोक निर्माण के प्रकल्प का विवरण दिया गया।

अनेक सुविधाओं से युक्त होगा सलकनपुर का देवी लोक

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में सलकनपुर में निर्मित होने वाले देवी लोक का धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से विशेष महत्व रहेगा। राजधानी भोपाल से नजदीक होने से इस प्रमुख आराधना स्थल में पहुँचने वालों की संख्या लाखों में होती है। अनेक जिलों से श्रद्धालु पद यात्रा करते हुए प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण स्थान सलकनपुर पहुँचते हैं। यहाँ अनेक पर्यटक सुविधाएँ विकसित की गई हैं। देवी लोक के निर्माण से इन सुविधाओं में वृद्धि होगी और श्रद्धालु मैया के दर्शन के साथ ही विभिन्न सुविधाओं का उपयोग करते हुए यहाँ कुछ समय व्यतीत कर सकेंगे। इस आस्था केन्द्र तक पहुँचने के लिए सीढ़ियों का मार्ग, सड़क मार्ग, रोप-वे आदि उपलब्ध है। देवी लोक के निर्माण के बाद श्रद्धालुओं के निवास, खान-पान से जुड़ी सुविधाओं में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सिद्ध क्षेत्र सलकनपुर में मूल मंदिर यथावत रहेगा। मैया के नवरूप भी रहेंगे। यही नहीं 64 योगिनी और दुकानों के निर्माण के साथ अन्य व्यवस्थाओं से इस क्षेत्र का महत्व बढ़ेगा।

शिला एकत्रीकरण, चुनरी यात्राएँ, महिला और पुरूषों की भजन स्पर्धा

मुख्यमंत्री चौहान ने देवी लोक महोत्सव के लिए 28, 29 एवं 30 मई को होने वाले ग्राम और नगर स्तरीय कार्यक्रमों की जानकारी भी दी। मुख्य कार्यक्रम 31 मई के पूर्व 28 मई को सभी ग्रामों में शिला एवं चुनरी यात्रा निकाली जाएंगी। ‘मेरी घर की मिट्टी माँ के चरणों में अर्पित’ करने और प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रत्येक घर से ईंट/शिला के संकलन का कार्य होगा। सोमवार-29 मई को रंगोली प्रतियोगिताएँ होंगी। इसी दिन माता के श्रंगार के लिए भी प्रतियोगिता होगी। महिला एवं पुरूष भजन मंडल भजनों की प्रस्तुति देंगे। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वाले प्रतिभागियों को एक लाख 51 हजार, एक लाख और 51 हजार रूपए की राशि दी जाएगी। महिलाओं की भजन प्रतियोगिता 29 मई और पुरूषों की 30 मई को होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 मई के कार्यक्रम में नगर स्तरीय शिला और चुनरी यात्रा के साथ ही यात्रा मार्ग में अलग-अलग समाज और संस्थाएँ स्वागत करेंगे। सलकनपुर में 31 मई को मुख्य कार्यक्रम में भूमि-पूजन एवं शिला-पूजन के साथ धर्मगुरूओं तथा कथावाचकों का सम्मान होगा। वैदिक रीति से स्वस्ति-गान और मंत्रोच्चार भी होगा। आतिशबाजी और भजनों के साथ माता जी की चुनरी, शिला, कलश यात्रा का स्वागत किया जायेगा। रेहटी नगर समिति के सौजन्य से गरबा नृत्य की प्रस्तुति भी होगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यक्रमों को अद्भुत स्वरूप देने के लिए आयोजन समितियों से सक्रिय भूमिका की अपेक्षा की।

सांसद रमाकांत भार्गव ने कहा कि 17 से 28 मई तक चरण पादुकाओं के पूजन और उन्हें ग्राम-ग्राम ले जाने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। ग्रामों के मंदिर से पवित्र मिट्टी मुख्य कार्यक्रम के लिए समर्पित की जाएगी। साथ ही चुनरियाँ भी प्रदान की जाएंगी। इसके लिए ग्राम चौपाल में आयोजन समितियों द्वारा जन-जन की भागीदारी पर चर्चा कर आवश्यक तैयारी भी की जाए। कार्यक्रम में अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम की अध्यक्ष श्रीमती निर्मला बारेला, पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह राजपूत, कार्तिकेय चौहान, कलेक्टर सीहोर प्रवीण सिंह सहित विभिन्न धर्माचार्य, पुजारी, पंडा, ग्राम और नगर स्तरीय आयोजन समितियों के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे। संचालन महेश उपाध्याय ने किया। सम्मेलन का शुभारंभ विजयासन माता को नमन एवं आरती के साथ हुआ।

 

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