दमोह, जिला शिक्षा अधिकारी एसके मिश्रा पर मंगलवार दोपहर कुछ भाजपा नेताओं ने स्याही फेंक दी। उनका कहना था कि शहर के गंगा जमुना स्कूल में जब हिजाब विवाद की शुरुआत हुई थी, उस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी ने आनन फानन में जांच कर स्कूल को क्लीन चिट दे दी थी।
जिला शिक्षा अधिकारी एसके मिश्रा ने बताया कि मंगलवार दोपहर वे अपने कार्यालय से निकल रहे थे। तभी कुछ लोगों ने पहले उनका वाहन रुकवाया और अचानक स्याही फेंक दी।
मिश्रा का कहना है कि गंगा जमुना स्कूल के मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। इस मामले में न मुझे जांच सौंपी गई और न मैंने कोई रिपोर्ट दी है। इस पूरे मामले की जांच कमेटी को दी गई है। स्याही फेंकने वालों में से कुछ के चेहरे मैंने देखे है। इनके कुछ बिल पेंडिंग थे। इन्होंने बिल देरी से जमा किया था, इसलिए भुगतान लैप्स हो गया। संभवत: बदले की भावना से ही यह किया गया होगा। कार्रवाई को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि वह अभी इस बारे में कुछ नहीं कहेंगे।
सनातन का अपमान होने पर दिया जवाब
भाजपा जिला उपाध्यक्ष अमित गोलू बजाज का कहना है कि गंगा जमुना स्कूल प्रबंधन ने सनातन धर्म का अपमान किया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने पैसे लेकर मामले को रफा-दफा किया है। इसलिए उनका मुंह काला करके हमने जवाब दिया है। भाजपा नेता मोंटी रैकवार का कहना है कि उन्होंने जिस तरह से जांच की थी, उससे समस्त हिंदू समाज आक्रोशित था। इसलिए उन पर स्याही फेंकी गई है।
छात्र बोले जबरदस्ती पढ़ाई जाती थी नमाज
छात्राओं ने बताया कि स्कूल के अंदर जबरदस्ती नमाज पढ़ाई जाती थी और हिजाब पहनाया जाता था। जो हिजाब पहनकर नहीं जाती थीं उन्हें डांट पड़ती थी और पिटाई भी होती थी। कई प्रकार की दुआएं अंदर पढ़ाई जाती थीं जब किसी व्यक्ति की मौत होती थी तब स्कूल में नमाज होती थी और छात्रों से नमाज कराई जाती थी जिस पर नमाज पढ़ते नहीं बनती थी उसकी पिटाई होती थी। किसी की मौत होने पर कहा जाता था कि इस व्यक्ति को जन्नत नसीब हो रही है।