यूरोप और अफ्रीका में रेडियो ब्लैक आउट का खतरा

सूर्य पर आज एक भयावह सौर तूफान आने वाला है और हमारी धरती के मौसम को भी प्रभावित कर सकता है। खगोल वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि सूर्य पर आने वाले सौर तूफान के कारण धरती पर कई सैटेलाइट का कार्यप्रणाली खराब हो सकती है, इसके अलावा धरती पर कई देशों में जीपीएस सिस्टम भी प्रभावित हो सकता है। खगोल वैज्ञानिकों ने बताया कि हाल ही में 26 अगस्त को सोलर फ्लेयर्स की एक लहर धरती की ओर बढ़ती देखी गई है। खगोल वैज्ञानिकों ने सौर तूफान की इस लहर को ‘सनस्पॉट AR3089′ नाम दिया है, जो तेजी से धरती की ओर आगे बढ़ रही है। खगोल वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि इस सौर तूफान के कारण धरती का मौसम बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है, जिससे कई सैटेलाइट व जीपीएस सिस्टम प्रभावित हो सकता है।
हर 11 साल में सूर्य पर आता है खतरनाक तूफान
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक हमारा सूर्य अपने 11 साल के चक्र से गुजर रहा है और फिलहाल सौर तूफान का यह चक्र काफी एक्टिव है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा भी चेतावनी जारी कर चुकी है कि विशाल सौर विस्फो्ट में साल 2025 तक बढ़ोतरी होने की आशंका है। अंतरिक्ष में सूर्य की आंतरिक गतिविधियों पर नजर रखने वाली वेबसाइट स्पेस वेदर ने जानकारी दी है कि शुक्रवार को सनस्पॉट AR3089 क्रैक के साथ सोलर फ्लेयर छोड़ रहा है। नासा की सोलर डायनेमिक्स आब्जर्वेटरी ने सुबह 7.16 बजे इसे पकड़ा था। इस कारण यूरोप और अफ्रीका में रेडियो ब्लैक आउट होने की आशंका है।
नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने जानकारी दी है कि सूर्य से कोरोनल मास इजेक्शन में बड़ी संख्या में चार्ज पार्टिकल्स निकले हैं, जो 30 अगस्त यानी सोमवार को धरती से टकरा सकते हैं। इन चार्ज पार्टिकल के कारण धरती के ध्रुवीय क्षेत्रों में चमकदार रोशनी तब देखी जा सकती है, जब चार्ज पार्टिकल पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के साथ परस्पर क्रिया करते हैं।
बहुत ज्यादा धधक रहा सूर्य
सूर्य इन दिनों बहुत ज्यादा धधक रहा है और हर 11 साल में यह सौर चक्र आता है, जब सूर्य में काफी परिवर्तन देखने को मिलते हैं। यूरोपीय स्पेस एजेंसी की अंतरिक्ष यात्री सामंथा क्रिस्टोफोरी का भी कहना है कि बीते 300 दिनों में ये सबसे शक्तिशाली सौर तूफान है। सामंथा के मुताबिक शक्तिशाली सौर तूफानों के कारण धरती पर पावर ग्रिड, सैटेलाइट और अन्य बुनियादी ढांचों को नुकसान हो सकता है, इसलिए हमें अलर्ट रहने की जरूरत है।

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