भोपाल । राजधानी की 120 वर्ष पुरानी विरासत को सहेजने के लिए स्मार्ट सिटी भोपाल को देश में दूसरा स्थान मिला है। यह पुरस्कार बुधवार को केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी के हाथों स्मार्ट सिटी के सीईओ गौरव बेनल ने ग्रहण किया। यह पुरस्कार सदर मंजिल को हेरिटेज होटल के तौर पर विकसित करने के लिए दिया गया है। बता दें कि स्मार्ट सिटी ने 11 करोड़ रुपये से सदर मंजिल का सुंदरीकरण किया है। अब इसे हेरिटेज होटल के रूप में संचालित किया जा रहा है।
इसके लिए स्मार्ट सिटी कंपनी ने संचालन के लिए कोलकाता की आरडीबी रिएलिटी कंपनी के साथ अनुबंध किया है। इसके बदले स्मार्ट सिटी को उक्त कंपनी हर वर्ष 80 लाख रुपये लीज रेंट चुकाएगी। यह हर तीन वर्ष में 10 प्रतिशत लीजरेंट बढ़ाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड ने पेन सिटी परियोजना अंतर्गत सदर मंजिल का हेरिटेज कंजर्वेशन कार्य किया है। इसमें ऐतिहासिक इमारत सदर मंजिल को मूर्त रूप दिया गया है, इससे सदर मंजिल की उम्र 150 साल और बढ़ गई है। इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह, भारत सरकार के सचिव मनोज जोशी उपस्थित थे।
इंडो-इस्लामिक और यूरोपीय शैली में किया गया निर्माण
सदर मंजिल का निर्माण वर्ष 1860 से 1880 के बीच हुआ था। नवाब सिकंदर जहां बेगम ने इसका निर्माण इंडो-इस्लामिक और यूरोपीय शैली में कराया था। सदर मंजिल में नवाब सुल्तान जहां बेगम का दरबार लगता था। इसके बाद नवाब हमीदुल्ला खां का दरबार भी यहां लगा। बाद में शहर की इंतजामिया कमेटी का कार्यालय भी सदर मंजिल में लगा। कई वर्षों तक सदर मंजिल में नगर निगम का मुख्यालय संचालित हुआ।
सदर मंजिल से दिखता है बड़े तालाब का खूबसूरत नजारा
सदर मंजिल के भीतर हेरिटेज होटल का काम पूरा हो गया है। यहां दरबार हाल में कोटयार्ड बनाया गया है। जहां बैठकर राजसी अंदाज में डिनर पर्यटक व शहरवासी डिनर या लंच कर सकते हैं। इसके फर्स्ट फ्लोर पर इवनिंग काफी शाप बनाई गई है। इसकी लोकेशन ऐसे सेट की गई है कि यहां से बड़ी झील का खूबसूरत नजारा देखा जा सके। सदर मंजिल में होटल के फर्स्ट फ्लोर पर 22 कमरे बने हैं, जबकि ग्राउंड फ्लोर पर कोटयार्ड के साथ अन्य सुविधाएं दी गई हैं।
सुंदरीकरण में उड़द दाल, मेथी, जूट, गुड़, मार्बल का उपयोग
सदर मंजिल के सुंदरीकरण का काम भी स्मार्ट सिटी कंपनी ने ही किया था। इसके लिए उड़द दाल, मेथी, जूट, गुड़, मार्बल पाउडर, चूना और सरखी का इस्तेमाल किया गया था, क्योंकि इस इमारत को जब बनाया गया, तब इन्हीं चीजों का उपयोग किया गया था। सदर मंजिल के एक हिस्से में संस्कृति विभाग भोपाल पर केंद्रित म्यूजियम भी बनाएगा। इसमें भोपाल के इतिहास की जानकारी दी जाएगी।