Ratapani Sanctuary Bhopal: भोपाल। रातापानी अभयारण्य को मध्य प्रदेश का आठवां टाइगर रिजर्व बनाया जाएगा। राज्य सरकार ने इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी है। वन विभाग की वन्यप्राणी शाखा ने अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया के समक्ष इसके लिए प्रस्तुतीकरण दिया है।
कंसोटिया ने कहा है कि फिलहाल प्रस्तावित टाइगर रिजर्व में बसे ग्रामों के विस्थापन एवं इको सेंसेटिव जोन से प्रभावित ग्रामों के बारे में हल निकाला जाए, उसके बाद इस नए टाइगर रिजर्व को बनाने पर विचार किया जाएगा।
बता दें कि राताापनी अभयारण्य तीन जिलों भोपाल, सीहोर एवं रायसेन-औबेदुल्लागंज के वनमंडलों में आता है तथा इसमें वर्तमान में करीब 56 बाघ विचरण कर रहे हैं। इसे टाइगर रिजर्व बनाने के लिए वन विभाग लंबे समय से प्रयास कर रहा है, क्योंकि केंद्र सरकार के बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने भी इसकी सैद्धांतिक सहमति दे दी है।
बुधनी के गांव होते प्रभावित, इसलिए शिवराज नहीं थे सहमत
पिछली सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास कार्य प्रभावित होने के कारण इसे टाइगर रिजर्व बनाने में सहमति नहीं दी थी। टाइगर रिजर्व बनने से बुधनी के गांव प्रभावित होते। इसलिए शिवराज ने ग्रामीणों से सलाह लेने के बाद ही टाइगर रिजर्व बनाने की प्रक्रिया पर विचार करने के निर्देश दिए थे। हालांकि, उसके बाद यह प्रस्ताव फाइलों में बंद हो गया।
अब नए मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव से रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने की स्वीकृति लेने के लिए वन विभाग ने पुनः प्रयास प्रारंभ शुरू कर दिए हैं। प्रस्तुतीकरण में वन विभाग ने इस बार प्रस्तावित रातापनी टाइगर रिजर्व का कोर एरिया कम कर दिया है। कोर एरिया में तीन वन ग्राम एवं 12 राजस्व ग्राम ही आ रहे हैं, जबकि बफर एरिया में 20 ग्राम हैं।