26 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। नवरात्रि के दिनों में मां आदिशक्ति के समस्त रूपों का पूजन किया जाता है। प्रत्येक दिन मां के एक रूप की पूजा करने का विधान है। इन नौ दिनों में पवित्रता और शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। इन नौ दिनों में की गई हर तरह की साधनाएं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मान्यता है कि नवरात्र के दिनों में पूजा-पाठ से जीवन की तमाम बाधाएं दूर होती हैं। इस लिए अगर आप अपना और अपने परिवार का कल्याण चाहते हैं तो नवरात्रि के 9 दिन विधि-विधान से पूजन करें।
वास्तु दोष भी होंगे दूर
नवरात्र के दिनों में मां दुर्गा की पूजा से घर के वास्तु दोष भी दूर होते हैं। माना जाता है कि जिस घर में मां आदिशक्ति का स्वरूप विराजित हो वहां नकारात्मक तत्व कमजोर पड़ते हैं। नौ दिनों के पूजा-पाठ और सात्विक जीवन से घर की नकारात्मकता खत्म होती है और सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है। तो चलिए आपको बताएं नवरात्रि के दिनों में किये जानेवाले वास्तु के कुछ उपाय :-
नवरात्रों के दौरान अपने घर के मुख्य दरवाजे पर कुंकुंम से माता के चरण बनाते समय ध्यान रखें कि ये घर के अंदर की तरफ आते हुए होने चाहिए। ऐसा करने से माता की कृपा प्राप्त होती है और घर में धन-वैभव की कभी कमी नहीं होती। कम से कम अष्टमी और नवमी के दिन ये चरण घर के दरवाजे पर अवश्य बनाने चाहिए।
जिस घर में कलशस्थापना की गई हो, वहां घर के स्वामी को नवरात्रि के 9 दिन पूर्ण होते ही कन्या भोजन अवश्य कराना चाहिए। कन्याओं को सम्मानपूर्वक भोजन कराकर अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा भी दें। माना जाता है कि ऐसा करने से देवी प्रसन्न होती हैं और घर के वास्तु दोष दूर होते हैं।
दुर्गा पूजन के लिए अगर आपने अखंड ज्योत प्रज्वलित की हो, तो इसकी दिशा को आग्नेय यानी दक्षिण-पूर्व दिशा की तरफ रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार इससे घर के सभी दोष दूर होते हैं। घर के सदस्यों की बीमारियां ठीक होती हैं और शत्रुओं पर विजय मिलती है।
माता के समक्ष जो दीपक जलाएं उसमें या तो घी डालें या तिल का तेल। घी का दीपक देवी के दाहिने हाथ यानी अपने बाएं हाथ की तरफ रखना चाहिए और तिल के तेल का दीपक देवी के बाएं हाथ यानी आपके दाहिने हाथ की ओर होना चाहिए।