सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने आज दिल्‍ली के मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका की अनुमति दे दी

न्यायाधीश बी. आर. गवई और के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने केंद्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो-सी बी आई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका की अनुमति दी। न्‍यायालय ने कहा कि जांच के तीव्र निपटारे की उम्मीद में सिसोदिया को और अधिक समय तक हिरासत में रखना अनुच्छेद-21 के तहत उनकी व्यक्तिगत स्‍वतंत्रता के मौलिक अधिकार का गंभीर उल्लंघन होगा।

न्‍यायालय ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता के समाज से गहरे सरोकार थे। इसलिए सिसोदिया के भागने का खतरा नहीं था। पहले ही एकत्र किए जा चुके इस मामले से जुड़े अधिकांश साक्ष्य दस्तावेजी प्रकृति के हैं, इसलिए उसमें छेड़छाड़ होने की कोई संभावना नहीं थी। दो न्यायाधीशों की पीठ ने 6 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह पीठ ट्रायल कोर्ट और उच्‍च न्‍यायालय के निष्कर्ष से सहमत नहीं थी कि मुकदमे में देरी के लिए सिसोदिया जिम्मेदार थे।

Previous articleनीरज चोपड़ा ने पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में जीता रजत पदक
Next articleहिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ने और भागने के लिए मजबूर होने के तीन दिन बाद बांग्लादेश के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस ने गुरुवार को देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली। छात्र प्रदर्शनकारियों ने इस भूमिका के लिए 84 वर्षीय यूनुस की सिफारिश की थी और वह गुरुवार को पेरिस से ढाका लौटे, जहां उनका इलाज चल रहा था। भावुक यूनुस ने हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा, “देश में एक बहुत सुंदर राष्ट्र बनने की संभावना है।” “हमारे छात्र हमें जो भी रास्ता दिखाएंगे, हम उस पर आगे बढ़ेंगे।” यूनुस अंतरिम सरकार में मुख्य सलाहकार होंगे जिन्हें 170 मिलियन लोगों के दक्षिण एशियाई देश में नए सिरे से चुनाव कराने का काम सौंपा गया है। शेख हसीना को अपदस्थ करने वाला छात्र-नेतृत्व वाला आंदोलन जुलाई में सरकारी नौकरियों में कोटा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से बढ़ा, जिससे एक हिंसक कार्रवाई हुई, जिसकी वैश्विक आलोचना हुई, हालांकि सरकार ने अत्यधिक बल का उपयोग करने से इनकार किया। देश में कठोर आर्थिक परिस्थितियों और राजनीतिक दमन के कारण भी विरोध प्रदर्शनों को बढ़ावा मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश में नई जिम्मेदारी संभालने के लिए प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस को शुभकामनाएं दी हैं। सोशल मीडिया पोस्ट में, प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की है कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए सामान्य स्थिति की जल्द बहाली होगी। उन्‍होंने कहा कि भारत शांति, सुरक्षा और विकास के लिए दोनों देशों के लोगों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बांग्लादेश के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।