भोपाल । मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में वर्षा से सोयाबीन, उड़द, मूंग, धान, ज्वार, बाजरा, तिल सहित अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा है। अभी तक राजस्व विभाग की ओर से सर्वे का काम पूरा नहीं हुआ है। इसके कारण मुआवजा भी नहीं मिल रहा है। किसान परेशान हैं क्योंकि उन्हें रबी फसलों की बोवनी के लिए खेत तैयार करने के साथ अन्य व्यवस्थाएं करनी हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने सरकार से मांग की है कि प्राथमिकता के आधार पर सर्वे कराकर किसानों को फसल क्षतिपूर्ति दी जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार भले ही संकट की इस घड़ी में किसानों के साथ खड़े होने का दावा कर रही हो पर वास्तविकता यह है कि अभी तक सर्वे ही नहीं हुआ है। जबकि, सबको पता है कि असमय वर्षा से खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचा है। खेत में काटकर रखी फसल किसान खलिहान तक नहीं ला पाए। धान की फसल खेत में ही गिर गई, जिससे बड़ा नुकसान हुआ है। सोयाबीन की फली से दाने खेत में ही गिर गए। जो फसल कट भी गई थी, उसमें पानी लगने से दाग लग गया और बाजार में कीमत भी नहीं मिलेगी।
उन्होंने कहा कि किसानों के ऊपर आए इस संकट के समय सरकार को चाहिए कि सर्वे सर्वोच्च प्राथमिकता दे और किसानों को जल्द से जल्द राहत राशि उपलब्ध कराई जाए। जब हमारी सरकार के समय इस तरह का संकट किसानों पर आया था तो तत्काल सहायता उपलब्ध कराई गई थी। खाद की कमी से भी किसान परेशान हैं। सरकार दावा कर रही है कि खाद का पर्याप्त भंडारण है लेकिन सच्चाई यह है कि किसानों को खाद उपलब्ध नहीं हो रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से किसानों की परेशानी को देखते हुए तत्काल सहायता उपलब्ध कराने और खाद की व्यवस्था करने की मांग की है।