अली रजा अकबरी को ईरान ने दी फांसी

ईरान ने ब्रिटेन के लिए जासूसी करने के आरोप में अपने ही देश के पूर्व डिप्टी रक्षा मंत्री अली रजा अकबरी को फांसी दे दी। 11 जनवरी को ही उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी। अली रजा अकबरी के पास ईरान और ब्रिटेन की दोहरी नागरिकता थी। ईरान में मंत्री पद से हटने केे बाद वे ब्रिटेन चले गए थे। 2019 में लौटे तो उन्हें जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। केस चला और अब फांसी की सजा भी दे दी गई।
अली रजा अकबरी को ईरान में उदारवादी राजनीति का बड़ा चेहरा माना जाता था। आरोप था कि उन्होंने ईरान के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में रहते हुए ब्रिटेन को अहम जानकारी दी। गिरफ्तार करने के बाद उन्हें लगातार टॉर्चर किया गया था। इस दौरान ब्रिटेन ने उनकी रिहाई की पूरी कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग बढ़ाते हुए भारत और अमेरिका इस साल के अंत में एक संयुक्त पृथ्वी अवलोकन परियोजना के तहत नासा-इसरो सिथेटिक अपर्चर रडार (निसार) उपग्रह का प्रक्षेपण कर सकते हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिह शुक्रवार को यह बात कही। उन्होंने नेशनल साइंस फाउंडेशन के निदेशक सेतुरमन पंचनाथन के नेतृत्व में एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान यह टिप्पणी की।
निसार प्राकृतिक खतरों, समुद्र के स्तर में वृद्धि और भूजल के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए पृथ्वी के बदलते पारिस्थितिकी तंत्र, गतिशील सतहों और बर्फ के द्रव्यमान को मापेगा और अन्य अनुप्रयोगों में मदद करेगा।यह आरोही और अवरोही दर्रों पर विश्व स्तर पर पृथ्वी की भूमि और बर्फ से ढकी सतहों का भी निरीक्षण करेगा।
मूल रूप से तीन साल के मिशन के लिए यह औसतन हर छह दिन में पृथ्वी का नमूना लेगा। जितेंद्र सिह ने प्रतिनिधिमंडल से कहा, नासा-इसरो सिथेटिक एपर्चर रडार उपग्रह के 2023 में प्रक्षेपित होने की उम्मीद है।

Previous article’भारत जोड़ो यात्रा’ सांसद संतोख सिंह के निधन के बाद रोकी गई
Next articleओडिशा में महिला क्रिकेटर राजश्री स्वैन का शव जंगल में फांसी पर टंगा मिला