पिपरिया की दाल मप्र, राजस्थान और महाराष्ट्र में भी खुशबू बिखेर रही जलवे
खाद्यान्न के साथ ही दलहनी फसलों की ओर नर्मदांचल के किसानों का रुझान तेज हुआ है। नर्मदापुरम जिले की पिपरिया की तुअर की दाल की मांग तो राजस्थान के साथ उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में भी होती है। यहां के जलवायु और दालों के स्वाद के कारण जो भी एक बार पिपरिया की दाल का स्वाद चखता है। उसका मुरीद हो जाता है। इसी कारण पिपरिया में तीनों दाल मिले सफल हो गई हैं। शासन के द्वारा भी दलहनी फसलों को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा था। कृषि विभाग ने भी जोर मारा इस कारण नर्मदापुरम जिले व संभाग में दलहनी फसलों का रकबा बढ़ता जा रहा है। जहां बीते वर्ष नर्मदापुरम जिले में दलहनी फसलों का रकबा 48 हजार हेक्टेयर में था। वह इस वर्ष बढ़कर 65 हजार हो गया है। जो 17 हजार हेक्टेयर बढ़ा है। वहीं नर्मदापुरम संभाग में पूर्व में 2 लाख हेक्टेयर में दलहनी फसलें थी इस वर्ष 28 हजार बढ़कर 2 लाख 28 हजार हेक्टेयर में दलहनी फसलें लगाई गई है।