एम्स भोपाल के मरीजों को ज्वार, बाजरा, रागी और मक्के से तैयार भोजन परोसा जाने लगा

एम्स भोपाल के मरीजों को ज्वार, बाजरा, रागी और मक्के से तैयार भोजन परोसा जाने लगा

 

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल प्रदेश का पहला एम्स बन गया है, जिसने बुधवार से मरीजों को ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो और मक्के जैसे मोटे (श्रीअन्न) अनाज से तैयार भोजन परोसने की शुरुआत कर दी है।

एम्स प्रशासन मोटे अनाज के बारे में मरीजों को समझा रहा है और फायदे बता रहा है। चिकित्सकों के अनुसार मोटे अनाज से तैयार भोजन हृदय रोग, मधुमेह, मोटापे, शुगर, थायरायड, पीलिया, एंटी कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए फायदेमंद है। मोटा अनाज ग्लूटिन मुक्त होता है।एम्स भोपाल के आहार विभाग ने मोटे अनाज का उपयोग करके व्यंजन बनाने की विधि भी स्वयं विकसित की है। अनाज की उपलब्धता के लिए स्थानीय किसानों से अनुबंध किए हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 का प्रस्ताव रखा था।

 

इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार किया है। इसके बाद मरीजों को मोटे अनाज का भोजन दिया जाना शुरू किया गया है। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डा.) अजय सिंह कहते हैं कि हम अपने रोगियों के आहार में मोटे अनाज को शामिल कर बहुत उत्साहित हैं। हमें विश्वास है कि यह उन्हें आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करेगा, जो उनके जल्द ठीक होने के लिए जरूरी है। हम लोगों को भी मोटे अनाज से तैयार भोजन के लिए प्रेरित करेंगे। प्रबंधन ने जागरूकता अभियान शुरू किया है।

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