हिंदू धर्म में हर माह प्रमुख व्रत व त्योहार आते हैं, जो पूरी आस्था व उल्लास के साथ मनाए जाते हैं। फिलहाल भादो मास चल रहा है और 12 सितंबर को Bhadrapad Bhaum Pradosh Vrat रखा जाएगा। भौम प्रदोष व्रत के दिन ग्रह-नक्षत्रों का खास संयोग भी बन रहा है, जिससे व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को दोगुना लाभ होगा।
भगवान शिव के लिए रखा जाता है प्रदोष व्रत
गौरतलब है कि भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए हर माह प्रदोष व्रत रखा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसे भौम प्रदोष व्रत कहते हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक, आखिरी भौम प्रदोष व्रत 12 सितंबर 2023 को है। इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ हनुमान जी की भी विशेष आराधना करना चाहिए।
भौम प्रदोष व्रत 2023 मुहूर्त
भौम प्रदोष व्रत 12 सितंबर 2023 को है और इस दिन शाम 06.30 मिनट से रात 08. 49 मिनट तक शिव पूजा का शुभ मुहूर्त है। सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक पूजा कर लेना चाहिए।
ग्रह नक्षत्रों का ये शुभ संयोग
सितंबर माह के पहले भौम प्रदोष व्रत वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग और बुधादित्य योग निर्मित हो रहा है। शिवयोग में पूजा करने से भक्तों पर भगवान भोलेनाथ की कृपा बरसेगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:04 बजे से रात 11.01 तक रहेगा, वहीं शिव योग 12 सितंबर 2023 को सुबह 12:14 बजे से 13 सितंबर 2023 की सुबह तक रहेगा।
इस मंत्र का जरूर करें जाप
ऊं नम: शिवाय
ऊं आशुतोषाय नम:
ऊं नमो धनदाय स्वाहा
ऊं ह्रीं नम: शिवाय ह्रीं ऊं
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