सतपुड़ा भवन अग्निकांड: स्थापना संबंधित विभागीय कार्य होते थे जहां आग लगी, टेंडर, प्रैक्योरमेंट संबंधित कोई भी कार्य नहीं होता था

भोपाल, सतपुड़ा भवन के जिन मंजिलो में आग लगी है वहां मूलतः तीन विभाग है, आदिम जाति कल्याण विभाग, परिवहन विभाग और स्वास्थ्य विभाग

3, 4, 5वी व 6वी मंजिल में इनमें से किसी भी विभाग का टेंडर, प्रैक्योरमेंट संबंधित कोई भी कार्य नहीं होता है ।

मूलतः यहां स्थापना संबंधित विभागीय कार्य होते है ।

मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर चर्चा कर सतपुड़ा में दुर्भाग्यपूर्ण आगजनी की घटना की जानकारी दी ।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी को आग बुझाने के प्रदेश सरकार के प्रयासों और केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों (आर्मी, एयरफोर्स,भेल, सीआईएएसएफ, एयरपोर्ट एवम अन्य)से मिली मदद से भी अवगत कराया ।

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

जनजातीय क्षेत्रीय विकास कार्यालय, सतपुड़ा भवन में लगी आग में कार्यालय की नस्तियाँ और उपकरण आदि सब नष्ट हो गये हैं। इस कार्यालय का अधिकांश कार्य ऑनलाइन होता है, अतः कार्य प्रभावित नहीं होगा। कार्यालय में कोई विशेष sensitive दस्तावेज संधारित नहीं होते। ये सब शासन में रहते हैं। स्थापना के दस्तावेज़ आयुक्त कार्यालय में रहते हैं, जिसका विंग पृथक है।

क्या था मामला: सोमवार को दोपहर में आग सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल पर लगी। इस मंजिल पर अनुसूचित जन‍जाति क्षेत्रीय विकास योजना का कार्यालय है। इसके बाद आग तेजी से फैली और छठी मंजिल तक पहुंच गई। चौथी,पांचवीं और छठी मंजिल पर स्‍वास्‍थ्‍य संचालनालय के कार्यालय हैं। यहां अनेकों फाइलें आग में नष्‍ट हो गई हैं। बताया जा रहा आग एसी फटने से लगी।

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