प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी बोले- 2047 तक सिकल सेल एनीमिया से आदिवासी परिवारों, देश को मुक्ति दिलाएंगे

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शहडोल,1जुलाई/ जय सेवा जय जोहार सपना संबोधन शुरू करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज मुझे रानी दुर्गावती जी की पावन धरती पर आने का सौभाग्य मिला। रानी दुर्गावती के चरणों में श्रद्धांजलि समर्पित करता हूं। उनकी प्रेरणा से आज सिकलसेल मुक्ति मिशन बहुत बड़े अभियान की शुरुआत हो रही है। आज ही मध्य प्रदेश में एक करोड़ लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड दिए जा रहे हैं। इन दोनों प्रयासों के सबसे बड़े लाभार्थी हमारे गोंड समाज, भील समाज या अन्य हमारे आदिवासी समाज में लोग हैं। मैं आप सभी को मध्य प्रदेश की डबल इंजन सरकार को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

आज शहडोल की इस धरती पर देश बहुत बड़ा संकल्प ले रहा है
यह संकल्प हमारे देश के आदिवासी भाई बहनों के जीवन को सुरक्षित बनाने का संकल्प है। यह संकल्प सिकल सेल एनीमिया की बीमारी से मुक्ति का यह संकल्प है। हर साल सिकल सेल एनीमिया की गिरफ्त में आने वाले ढाई लाख बच्चे उनके ढाई लाख परिवार जनों का जीवन बचाने का। मैंने देश के अलग-अलग इलाकों में आदिवासी समाज के बीच एक लंबा समय गुजारा है सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी बहुत कष्टदाई होती है। इसके मरीजों के जोड़ों में हमेशा दर्द रहता है, शरीर में सूजन और थकावट रहती है, पीठ पर और सीने में असहनीय दर्द महसूस होता है, सांस फूलती है। लंबे समय तक दर्द सहने वाले मरीज के शरीर के अंदरूनी अंग भी क्षतिग्रस्त होने लगते हैं।

यह बीमारी माता-पिता से ही बच्चे में आती है, यह अनुवांशिक है
यह बीमारी परिवारों को बिखेर देती है। और यह बीमारी न हवा से होती है न पानी से होती है न भोजन से फैलती है यह बीमारी ऐसी है जो माता-पिता से ही बच्चे में आती है। यह अनुवांशिक है और इस बीमारी के साथ जो बच्चे जन्म लेते हैं वह पूरी जिंदगी रोगों से जूझते रहते हैं। साथियों पूरी दुनिया में सिकल सेल एनीमिया के जितने मामले होते हैं उनमें से आधे यानी 50% अकेले हमारे देश में होते हैं। लेकिन दुर्भाग्य की बात है पिछले 70 सालों में कभी इसकी चिंता नहीं हुई, इससे निपटने के लिए कोई ठोस प्लान नहीं बनाया। इससे प्रभावित लोग आदिवासी समाज के थे। आदिवासी समाज के प्रति बेरुखी के चलते पहले की सरकारों के लिए यह कोई मुद्दा ही नहीं था, लेकिन आदिवासी समाज की हर चुनौती को हल करने का बीड़ा भाजपा की सरकार ने हमारी सरकार ने उठाया है।

हमारे लिए आदिवासी समाज सिर्फ एक सरकारी आंकड़ा नहीं है
यह हमारे लिए संवेदनशीलता का विषय है, भावनात्मक विषय है। जब मैं पहली बार गुजरात का मुख्यमंत्री बना था उससे भी बहुत पहले से मैं इस दिशा में प्रयास कर रहा हूं। हमारे जो गवर्नर हैं (मंगुभाई) आदिवासी परिवार के होनहार नेता रहे हैं। करीब 50 साल से मैं और मंगू भाई आदिवासी इलाकों में एक साथ काम करते रहे। आदिवासी परिवारों में जाकर के इस बीमारी के के प्रति कैसे जागरूकता लाई जाए लगातार काम करते थे। गुजरात का मुख्यमंत्री बना उसके बाद भी मैंने वहां इससे जुड़े कई अभियान शुरू किया। प्रधानमंत्री बनने के बाद मैं जापान की यात्रा पर गया। मैंने वहां नोबेल पुरस्कार जीतने वाले एक विज्ञानी से मुलाकात की। मुझे पता चला था कि वे सिकलसेल बीमारी पर बहुत रिसर्च की है। मैंने भी सिकल सेल एनीमिया के इलाज में मदद मांगी।

देश के तमाम अस्पतालों में करीब 5 करोड़ गरीबों का इलाज हो चुका
2047 तक सिकल सेल एनीमिया से आदिवासी परिवारों को, देश को मुक्ति दिलाएंगे। सिकल सेल मरीजों के लिए खून की जरूरत होती है इसलिए ब्लड बैंक को ले जा रहे हैं। बोन मेरो ट्रांसप्लांट इकाई खोली जा रही हैं। समाज आगे आए सिकल सेल से मुक्ति मिलेगी। टीबी के मामलों में कमी आई है 2025 तक टीबी को जड़ से समाप्त करने के लिए देश कार्य कर रहा है। हमारी सरकार बनने से पहले 2013 में टीबी के 11000 मामले सामने आए थे। जांच और स्क्रीनिंग का आवश्यक है ऐसा न करने से लंबे समय तक इस बीमारी का मरीजों को पता नहीं चलता। हमारी सरकार का प्रयास है बीमारी कम हो साथ ही बीमारी पर होने वाला खर्च कम हो इसलिए हम आयुष्मान योजना लेकर आए। आयुष्मान भारत योजना से देश के तमाम अस्पतालों में करीब 5 करोड़ गरीबों का इलाज हो चुका है।

आदिवासी क्षेत्र में इस बीमारी को जड़ मूल से खत्म करने का संकल्प
फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि राज्यपाल महोदय के आने के बाद सिकलसेल की लगातार चिंता हुई है प्रधानमंत्री विशेष तौर पर इस ओर ध्यान दे रहे हैं। आदिवासी क्षेत्र में इस बीमारी को जड़ मूल से खत्म करने को जो संकल्प लिया है आज इसकी शुरुआत शहडोल की धरती से हो रही है आप सभी भाई बहनों की तरफ से प्रधानमंत्री का अभिनंदन करता हूं स्वागत करता हूं।

आज का यह दिन इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में लिखा जाएगा
केंद्रीय स्वास्थ मंत्री डा. मनसुख स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आज का यह दिन इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में लिखा जाएगा। आज के दिन प्रधानमंत्री सिकलसेल जैसे बीमारी को खत्म करने के लिए कार्यक्रम की शुरुआत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बीमारी से कई देशों ने मुक्ति पा ली है प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में इस बीमारी को खत्म करने के लिए बहुत बड़ी योजना तैयार की गई है। डॉ मनसुख ने कहा कि आप बच्चों की शादी करते समय रक्त कुंडली अवश्य मिलाएं। आयुष्मान ग्राम सभाएं आयोजित की जाएंगी जिसमें वंचित लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड बनवाने की जानकारी दी जाएगी।

जबलपुर में रानी दुर्गावती का विशाल स्मारक और साल भर अनेक गतिविधि करते रहेंगे
शिवराज सिंह ने कहा कि जबलपुर में रानी दुर्गावती का विशाल स्मारक बनाया जाएगा और साल भर तक हम अनेक गतिविधि करते रहेंगे । पहले की सरकारें सिर्फ एक ही परिवार का महिमामंडित करती थी लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने आदिवासी क्रांतिकारियों का सम्मान बढ़ाया है। मध्य प्रदेश में आज 25000 जगह आयुष्मान सभा चल रही है। प्रधानमंत्री जी का जिंदगी बदलने का यह अभियान है । कांग्रेस की सरकार ने आयुष्मान कार्ड नहीं बनाएं प्रधानमंत्री जी ने जितना आदिवासियों के लिए काम किया है वह किसी ने नहीं किया।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया डुमना विमानतल जबलपुर से हेलीकॉप्टर से शहडोल रवाना हो गए। राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का दोपहर लगभग 12.50 बजे भोपाल से विमान द्वारा डुमना विमानतल जबलपुर आगमन हुआ था ।

छह किलोमीटर लंबे कारिडोर में हर 50 कदम पर जवान तैनात
लालपुर से पकरिया तक छह किलोमीटर लंबा कारिडोर बनाया गया। 15 हजार लकड़ी की बल्लियां और 20 हजार बांस की बल्ली का उपयोग किया गया। इस छह किलोमीटर लंबे कारिडोर में हर पचास कदम पर पुलिस के जवान तैनात हैं। जब प्रधानमंत्री का काफिला यहां से गुजरा तो कारिडोर से किसी को भी निकलने की अनुमति नहीं दी गई।
लालपुर सभा स्थल और पकरिया में पानी से बचने के लिए जिला प्रशासन द्वारा वाटर प्रूफ पंडाल और डोम लगाए गए हैं। सभा स्थल लालपुर को पूरी तरह वाटर प्रूफ बनाया गया है। पकरिया में भी एक विशेष पंडाल लगाया गया है। वर्तमान मौसम को देखते हुए पकरिया का कार्यक्रम वाटर प्रूफ डोम में ही किया जाएगा।
प्रधानमंत्री के आमसभा स्थल पर 08 लाख 80 हजार वर्गफिट में वाटर प्रूफ पंडाल बनाया गया है, जिसमें एक लाख कुर्सियां लगाई हैं। इसी के अंदर मंच, ग्रीन रुम और वीआइपी एवं वीवीआइपी की बैठक व्यवस्था सहित सभी सुविधाएं तैयार की गई हैं। एक हजार से अधिक बसें लगाई। पकरिया में 364 लोगों को प्रधानमंत्री के संवाद कार्यक्रम में शामिल होना है, जिनके बैठने के लिए 134 खाट का इंतजाम किया गया है।

17 राज्य आनलाइन जुड़ेंगे
प्रधानमंत्री शहडोल में राष्ट्रीय स्तर पर सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047 का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य, जनजातीय कार्य, आयुष मंत्रालय और देश के 17 राज्यों के प्रतिनिधि आनलाइन शामिल होंगे। प्रदेश के 20 जनजातीय बहुल जिलों के 89 विकासखंड के करीब 3 हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के 2 लाख से अधिक हितग्राहियों को सिकल सेल जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड का वर्चुअली वितरण किया गया।

आयुष्मान कार्ड का किया गया वितरण
प्रधानमंत्री पीवीसी आयुष्मान कार्ड वितरण योजना का शुभारंभ किया। देश में पहली बार प्रदेश में 3 करोड़ 57 लाख आयुष्मान हितग्राहियों को डिजिटल आयुष्मान कार्ड का वितरण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा योजना के शुभारंभ के बाद ग्राम पंचायत और नगरीय निकाय स्तर पर जन-प्रतिनिधियों की उपस्थिति में पीवीसी आयुष्मान कार्ड वितरित किए जाएंगे।

पद्मश्री अर्जुन और जाेधाबाई शामिल हुईं
ग्राम पकरिया में एक जुलाई का दिन शहडोल के लिए बहुत ही ऐतिहासिक है। ऐसा पहली बार होगा जब प्रधानमंत्री देसी अंदाज में जनजातीय समुदाय के साथ बैठकर कोदो भात-कुटकी खीर, इंद्ररह की कड़ी और महुआ का मालपुआ ग्रहण करेंगे। कार्यक्रम में पूरी व्यवस्था को भारतीय परंपरा एवं संस्कृति के अनुसार तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में दो विशेष जनजातीय समुदाय के कलाकारों को आमंत्रित किया है जिसमें डिंडौरी जिले के पद्मश्री से सम्मानित कलाकार अर्जुन सिंह धुर्वे और उमरिया जिले की पद्मश्री से सम्मानित कलाकार जोधईया बाई शामिल हैं।

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