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पटवारी भर्ती परीक्षा में कथित घोटाले पर सरकार की सफाई
भोपालःपटवारी भर्ती परीक्षा में कथित भ्रष्टाचार को लेकर मध्य प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। विपक्षी पार्टी के नेता इसको लेकर बीजेपी सरकार पर हमले कर रहे हैं। गुरुवार को कई शहरों में परीक्षार्थियों ने इसको लेकर प्रदर्शन किए। अब सरकार ने इन आरोपों पर अपनी सफाई दी है और आरोपों से इनकार किया है। सरकार की ओर से जारी की गई सफाई में हर आरोप का जवाब दिया गया है।
– मेरिट लिस्ट में स्थान प्राप्त 8 हजार 617 अभ्यर्थी सभी 78 परीक्षा केन्द्रों से चयनित हुए हैं। ग्वालियर स्थित NRI कॉलेज से 1000 अभ्यर्थियों के चयन की जानकारी भ्रामक और तथ्यहीन है। यहां से कुल 114 अभ्यर्थी (1.32%) चयनित हुए हैं। अन्य परीक्षा केन्द्रों से भी अधिकतम 321 अभ्यर्थी (3.73%) से लेकर न्यूनतम 29 अभ्यर्थियों (0.34 %) का चयन मेरिट में हुआ है।
– टॉप 10 अभ्यर्थियों में से 6 ने हिंदी में और 4 ने अंग्रेजी में हस्ताक्षर किये हैं। हस्ताक्षर की बनावट हिंदी/अंग्रेजी में होने के कारण परीक्षा में प्रवेश से रोकने सम्बंधित कोई नियम मंडल में लागू नहीं है। टॉप 10 के किसी भी अभ्यर्थी ने प्रश्न-पत्र के सामान्य अंग्रेजी सेक्शन में 25 में से 25 अंक प्राप्त नहीं किए हैं। इस सेक्शन में उनके अंक 13 से 23 के बीच आए हैं।
– टॉप 10 स्थान प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों की परीक्षा की तिथि और पाली अलग-अलग हैं। यानी उनके के प्रश्न-पत्र भी अलग-अलग थे। सभी के प्रोफाइल पंजीयन और आवेदन पत्र भी अलग-अलग जगहों से भिन्न-भिन्न तिथियों में हुए हैं। 10 टॉपर्स में से 2 अनारक्षित, 1 ईडब्ल्यूएस-दिव्यांग, 1 एससी और 6 ओबीसी श्रेणी से हैं।