भोपाल, 21 जुलाई| मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमी-कंडक्टर सेक्टर में शोध, डिजाइनिंग, निर्माण, टेस्टिंग आदि की वैश्विक स्तर पर मांग के अनुरूप प्रदेश में सुविधाएँ तथा व्यवस्था उपलब्ध कराना प्रदेश की औद्योगिक प्रगति के लिए आवश्यक है। आर्थिक विकास- तकनीकी नवाचार और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार में इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने तथा युवाओं को इस सेक्टर में अवसर उपलब्ध कराने के लिए निश्चित रोडमेप बनाकर समय-सीमा में गतिविधियों का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेमी-कंडक्टर टॉस्क फोर्स की बैठक को संबोधित कर रहे थे। निवास कार्यालय में बैठक में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने टॉस्क फोर्स द्वारा प्रस्तुत “स्ट्रेटजी फॉर बूस्टिंग इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर इन मध्य प्रदेश” पर रिपोर्ट का विमोचन भी किया।
इलेक्ट्रानिक प्रोडक्ट की डिजाइनिंग के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस स्थापित करने का प्रस्ताव
बैठक में इलेट्रॉनिक प्रोडक्ट की डिजाइनिंग के लिए प्रदेश में सेंटर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना, निजी औद्योगिक घरानों का निवेश आकर्षित करने, प्रदेश में निर्मित इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निश्चित क्रय की व्यवस्था स्थापित करने, शिक्षण संस्थाओं में शोध संस्कृति के विकास और राज्य शासन तथा उद्योगों के बीच बेहतर समन्वय के बिन्दुओं पर विचार-विमर्श किया। बैठक में टॉस्क फोर्स सभी सदस्य उपस्थित थे।
इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) पर मध्यप्रदेश राज्य नीति आयोग के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी की अध्यक्षता में सितंबर 2022 में टॉस्क फोर्स गठित की गई थी। फ़ोर्स में सैमसंग के पूर्व वाईस चेयरमेन दीपक भारद्वाज, साइंटेक टेक्नोलॉजी के अंबरीश केला, माइबॉक्स के सीईओ अमित खरबन्दा, आई.आई.टी. इंदौर के प्रोफेसर संतोष विश्वकर्मा, एपिक इंडिया के हरीश वाधवा, डेकी इलेक्ट्रॉनिक्स के विनोद शर्मा शामिल हैं। टॉस्क फोर्स को राज्य में ईएसडीएम क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार करने का काम सौंपा गया था।
इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के लिए समग्र नीति बनाई जाएगी
टॉस्क फोर्स द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के लिए समग्र नीति बनाई जाएगी जिसके जिससे लगभग दस बिलियन डॉलर का निवेश आकर्षित करने की योजना है। रिपोर्ट के आधार पर इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की जटिलताओं को समाप्त करते हुए “प्लग एन्ड प्ले” मॉडल का प्रयोग किया जायेगा। यह मॉडल सिंगापुर में सफलता से उपयोग में लाया जा रहा है। इस रिपोर्ट के क्रियान्वयन से प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में होने वाले निवेश तथा गतिविधियों के विस्तार को गति मिलेगी।