भोपाल| केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रोडमैप लगभग तय कर दिया है। इसी के तहत पार्टी प्रदेश में चार जगहों से विजय संकल्प यात्रा निकालने जा रही है। मुख्य यात्रा सितंबर महीने में उज्जैन से निकाली जाएगी। अभी इसकी तारीख तय नहीं हुई है। उज्जैन के अलावा ग्वालियर, चित्रकूट और जबलपुर से भी ये यात्राएं निकाली जाएंगी। इन यात्राओं में से किसी भी एक स्थान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं।
अमित शाह ने बुधवार आधी रात तक चुनावी रणनीति को लेकर पार्टी के सीनियर लीडर्स के साथ मंथन किया। भोपाल स्थित बीजेपी दफ्तर में हुई इस हाईलेवल मीटिंग में शाह ने प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव की रिपोर्ट के आधार पर सभी 230 विधानसभा सीटों के सियासी समीकरण की जानकारी ली। इस दौरान 11 जुलाई को हुई बैठक में दिए गए टास्क का फीडबैक भी लिया। देर रात तक मंथन के बाद शाह भोपाल के ताज लेक फ्रंट होटल में ठहरे थे। वे गुरुवार सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे दिल्ली रवाना हो गए।
शाह ने की क्षेत्रवार की समीक्षा
अमित शाह ने प्रदेश के मालवा-निमाड़, ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड, विंध्य, महाकौशल और मध्य क्षेत्र की अलग-अलग नेताओं के साथ समीक्षा की। सूत्रों का कहना है कि शाह ने ग्वालियर-चंबल को लेकर तोमर और सिंधिया के साथ अलग बात की। जबकि मालवा-निमाड़ का फीडबैक कैलाश विजयवर्गीय से लिया।
चुनाव समितियों के लिए नाम तय
सूत्रों ने बताया कि चुनाव समितियों के लिए नाम तय कर लिए गए हैं। प्रदेश स्तरीय चुनाव समित में अध्यक्ष सहित 16 सदस्य होंगे। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के अलावा सभी बड़े नेताओं को शामिल किया जाएगा। इन समितियों की घोषणा एक-दो दिन में हो जाएगी।
इन समितियों पर रहेगी चुनाव की जिम्मेदारी
केंद्रीय नेतृत्व के प्रवास कार्यक्रम, विशेष संपर्क अभियान, घर-घर झंडा अभियान, कमल दीपावली, प्रचार-प्रसार समिति, विधानसभा फीडबैक, वाहन सत्कार, मीडिया, मीडिया मॉनिटरिंग, सोशल मीडिया, कॉल सेंटर, चुनाव आयोग और मतदान अभियान। ये समितियां चुनाव को लेकर अलग अलग मोर्चों पर काम करेगी। एक दो दिन के अंदर इनकी घोषणाएं हो जाएगी।
बीजेपी के चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर ने शाह के बीजेपी दफ्तर पहुंचने पर उनका स्वागत किया।
बीजेपी के चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर ने शाह के बीजेपी दफ्तर पहुंचने पर उनका स्वागत किया।
रुठों को मनाने की बनी रणनीति
चुनाव से पहले बीते दिनों बीजेपी में रूठे नेताओं ने पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं। लिहाजा ऐसे नेताओं को मनाने की रणनीति पर भी पार्टी ने चर्चा की। सूत्रों का कहना है कि शाह के 11 जुलाई के भोपाल दौरे के बाद से ही मप्र के वरिष्ठ नेताओं ने असंतुष्टों को मनाने उनके फॉर्मूले पर अमल शुरू कर दिया था। बैठक में तय किया गया कि उन्हें कैसे और कौन मनाएगा।
जानकारी के मुताबिक प्रदेश के करीब 60 से अधिक नेताओं की तैयार सूची पर मंथन किया गया। अब अगस्त महीने में इन्हें मनाने व समझाइश देने का दौर चलेगा। जिसमें उमा भारती, कैलाश विजयवर्गीय जैसे अन्य नेताओं की मदद ली जाएगी, जो व्यापक जनाधार रखते हैं और उनमें नाराज नेताओं को मनाने की काबिलियत है।
इन नेताओं से पहले जिला अध्यक्ष, सांसद, विधायक व जिला प्रभारी बात करेंगे। यदि वे सफल नहीं हुए तो फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय असंतुष्टों से बात करेंगे। पार्टी ने इसमें संघ की मदद लेने का भी फैसला किया है।
नए लोगों को मौका दिया जाएगा
अमित शाह ने प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव को हर विधानसभा की रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी हैं। बैठक में इस रिपोर्ट पर चर्चा हुई। सूत्रों का कहना है कि बैठक में ज्यादातर सीटों पर नए चेहरों को मौका देने की वकालत भी की गई है।
माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में 50 नए चेहरों को चुनाव में मौका मिल सकता है। लेकिन नए चेहरों पर दांव लगाने से जो नाराजगी टिकट दावेदारों में देखने को मिलेगी, उनसे किस तरह निपटा जाएगा, उसकी रणनीति पर चर्चा हुई।
विधायकों के मौजूदा परफॉर्मेंस पर चर्चा
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने जो सर्वे रिपोर्ट तैयार की है, उसमें कई वरिष्ठ नेताओं की स्थिति अच्छी नहीं बताई गई है। यह माना जा रहा है कि कई ऐसे पुराने मंत्री और विधायक हैं, जिनकी परफॉर्मेंस उनके क्षेत्र में अच्छी नहीं है। ऐसे में बीजेपी उनका चुनाव में टिकट काट सकती है। अमित शाह इस बात पर फोकस कर रहे हैं कि सभी 230 विधानसभा सीटों में बीजेपी के किन नेताओं की क्या स्थिति है। कौन कहां पर सक्रिय नहीं है और किन मौजूदा विधायकों को लेकर उनके क्षेत्र में नाराजगी है।
शाह के दौरे से 2 दिन पहले हुई विधानसभावार समीक्षा
पार्टी सूत्रों ने बताया कि शाह के भोपाल दौरे से दो दिन पहले बीजेपी कोर ग्रुप के चुनिंदा सदस्यों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए विधानसभावार समीक्षा की थी। इस बैठक में दिल्ली से प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, राष्ट्रीय सह-संगठन महासचिव शिवप्रकाश व चुनाव प्रंबधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर जुड़े। जबकि सीएम हाउस से शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी ऑफिस से वीडी शर्मा के अलावा कैलाश विजयवर्गीय व अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।
शाह को दी गई किसानों से कांग्रेस के 5 बड़े वादों की जानकारी
अमित शाह के भोपाल दौरे से पहले बुधवार सुबह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने किसानों से 5 बड़े वादे किए। जिसमें 5 हॉर्स पावर तक के सिंचाई पंपों के बिजली बिल माफ, बिजली का बकाया बिल माफ, किसानों का कर्ज माफ, आंदोलनों के दौरान दर्ज केस वापस लिए जाने और 12 घंटे लगातार बिजली देने की घोषणा की गई। शाह जब भोपाल पहुंचे और बीजेपी नेताओं ने बैठक में उन्हें इसे लेकर जानकारी दी। हालांकि इसकी काट को लेकर बैठक कोई चर्चा नहीं हुई। जबकि विपक्ष के इन वादों को लेकर बीजेपी के नेताओं ने कई कटाक्ष किए।
बैठक में ये नेता मौजूद रहे
बैठक में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव , प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रह्लाद पटेल, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा मौजूद रहे।