बारिश में कान के इन्फेक्शन से हैं परेशान तो जरूर आजमाएं ये घरेलू उपाय

If you are worried about ear infection in the rain then definitely try these home remedies

 

बारिश के मौसम में कान व नाक रोगों से बचाव के लिए उंगली या तिनका नहीं डालना चाहिए।बारिश के मौसम में कानों को इन्फेक्शन से बचाने के लिए हल्का गुनगुना सरसों का तेल 2-4 बूंद डालें।15 दिन में एक बार सरसों का तेल कानों में डाला जाता है तो इससे बहरेपन का भय भी नहीं रहता है।

बारिश के मौसम में कान में बैक्टीरियल या फंगल इन्फेक्शन होना आम बात है। आमतौर देखा जाता है कि कान में फंगल इन्फेक्शन बच्चों में ज्यादा होता है और इस कारण बच्चों को कान में दर्द भी होता है। बारिश में बैक्टीरियल या फंगल इन्फेक्शन बड़े लोगों में भी हो सकता है और सुनाई देने में समस्या आती है। ऐसे में कुछ घरेलू नुस्खों को आजमा सकते हैं। यहां जानते हैं आयुर्वेदाचार्य डॉ. अजीत मेहता के बताएं कुछ घरेलू नुस्खों से बारे में।

कान में डालें सरसों का गुनगुना तेल

बारिश के मौसम में कानों को इन्फेक्शन से बचाने के लिए हल्का गुनगुना सरसों का तेल 2-4 बूंद डालें। कानों में सरसों का तेल डालने से मैल उगल कर बाहर आ जाता है। यदि 15 दिन में एक बार सरसों का तेल कानों में डाला जाता है तो इससे बहरेपन का भय भी नहीं रहता है।

सरसों का तेल दूर करता है बुढ़ापा

यदि कोई व्यक्ति रोज कानों में गुनगुना सरसों का तेल डालकर कुछ देर आराम करता है तो शरीर पर वृद्धावस्था के लक्षण तेजी से दिखाई नहीं देते हैं। गर्दन के अकड़ जाने का रोग उत्पन्न नहीं होता और न ही बहरापन होता है।

सरसों के तेल से तेज होती है श्रवण शक्ति

25 ग्राम सरसों के तेल में लहसुन की डालकर गर्म कर लें। इसके बाद तेल को छान लें। इस तेल को एक बार कान में डाल दिया जाय तो श्रवण शक्ति तेज होगी तथा कान निरोगी हो जाते हैं। सरसों का तेल नेत्र ज्योति भी बढ़ाता है और आंखों का दर्द दूर करता है।

इन बातों की रखें सावधानी

कान और नाक के छिद्रों में उंगली या तिनका डालने से घाव होने या संक्रमण पहुंचने का खतरा रहता है। बारिश के मौसम में कान व नाक रोगों से बचाव के लिए उंगली या तिनका नहीं डालना चाहिए। ज्यादा दर्द होने पर तत्काल किसी विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए।

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