सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डा. बिंदेश्वर पाठक का निधन

Sulabh International founder Dr. Bindeshwar Pathak passed away

दिल्ली: सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डा. बिंदेश्वर पाठक का दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। दिल्ली में कार्डियक अरेस्ट होने पर उन्हें दोपहर डेढ़ बजे एम्स की इमरजेंसी में लाया गया। डाक्टरों ने उन्हें सीपीआर (कार्डियक पल्मोनरी रिससिटेशन) देकर धड़कन ठीक करने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

कौन थे बिंदेश्वर पाठक?

मूल रूप से बिहार के वैशाली जिला स्थित रामपुर बघेल गांव के रहने वाले बिंदेश्वर पाठक ने सुलभ शौचालय की शुरूआत की थी। बिहार के वैशाली जिले के एक गांव में 2 अप्रैल 1943 को पाठक का जन्म हुआ था। उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से समाज शास्त्र में ग्रेजुएशन की। इसके बाद पटना यूनिवर्सिटी से मास्टर और पीएचडी की। साल 1968-69 में बिहार गांधी जन्म शताब्दी समारोह समिति के साथ उन्होंने काम किया था। यहीं समिति ने उनसे कहा कि वे सस्ती शौचालय तकनीक विकसित करने पर काम करें।

सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना

समाज और परिवार के काफी विरोध के बावजूद उन्होंने साल 1970 में सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की। यह एक सामाजिक संगठन था। सुलभ इंटरनेशनल में उन्होंने दो गड्ढों वाला फ्लश टॉयलेट डेवलप किया। उन्होंने डिस्पोजल कम्पोस्ट शौचालय का आविष्कार किया। इसे कम खर्च में घर के आसपास बनाया जा सकता था। फिर उन्होंने देशभर में सुलभ शौचालय बनाना शुरू कर दिया। पाठक को अपने काम के लिए भारत सरकार से पद्म भूषण सम्मान मिला था।

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