पेट में कीड़े होने पर सोते समय बच्चों और बड़ों दोनों की ही मुंह से लार टपकती है…….
अक्सर कई बार बच्चों के पेट में अचानक से तेज दर्द उठता है और फिर शांत हो जाता है। आपके दवा देने के बाद भी वही परेशानी बार -बार होती है तो समझ ले कि आपके बच्चों के पेट में कीड़े हैं। बच्चे के पेट में कीड़े की वजह भी उन्हें पेट दर्द का शिकार बनाती है और अगर पेट में कीड़े की परेशानी को ठीक न किया जाए तो बच्चे की सेहत भी नहीं बनती और बच्चा बार-बार बीमार पड़ जाता है।
पेट में कीड़े होने पर सोते समय बच्चों और बड़ों दोनों की ही मुंह से लार टपकती है। समय रहने इनका इलाज ना किया जाए, और नजरअंदाज करने पर ये कीड़े पेट में घाव तक कर देते हैं। कृमिरोग या पेट में कीड़ा दूषित आहार एवं खराब जीवनशैली के कारण ही होता है।
जो लोग खुले में बनने वाला भोजन या दूषित भोजन करते हैं उन्हें ही कृमिरोग होने की अधिक संभावना रहती है। भोजन करने से पहले हाथ न धोना, गन्दा और बासी भोजन करना तथा अधिक आराम करना इस प्रकार की जीवनशैली के कारण कृमि रोग होता है।
अगर आपके बच्चे के पेट में भी बार-बार कीड़े हो जाते हैं तो आपको कुछ उपायों को जरूर जानना चाहिए। जिसमें भोजन करने से पहले हार्थों को अच्छी प्रकार धोना, खुले में बनने वाला भोजन परहेज करना, पीने के लिए साफ जल का प्रयोग करना, नल के पानी को उबाल कर फिर ठण्डा कर पीना, कच्ची सब्जियां और कच्चे मांस का सेवन न करने की है। वहीं कृमि हो जाने पर एमेंडाजोल दवा का डक्टर की सलाह के बाद लेना चाहिए।