खराब लाइफस्टाइल, खानपान में लापरवाही और प्रदूषित माहौल में रहने के कारण आजकल कम उम्र में ही लोगों के बाल या तो सफेद हो जाते हैं या फिर बाल झड़ने लग जाते हैं। डायटिशियन मीना कोरी के मुताबिक, बालों का सफेद होना या बाल झडना कोई बीमारी नहीं है, बल्कि ये शरीर की ओर से दिए जाने वाले कुछ संकेत हैं। इन संकेतों के जरिए यह पता चलता है कि शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी हो रही है और इनकी भरपाई जल्द कर लेना चाहिए, अन्यथा दूसरी कई बीमारियां हो सकती है। गंजापन या बालों के झड़ने की समस्या को अक्सर लोग हल्के में लेकर बड़ी गलती कर देते हैं। दरअसल ये किसी गंभीर बीमारी के भी लक्षण हो सकते हैं। यदि आपके भी लगातार बाल झड़ रहे हैं तो इन बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
थायराइड के संकेत
बालों का झड़ना हार्मोनल बैलेंस बिगड़ने के कारण भी हो सकता है। हार्मोन हमारी शारीरिक गतिविधियों के उचित संचालन में मदद करते हैं। थायरॉयड हार्मोन बालों के विकास में मदद करता है। यह हार्मोन आयरन, कैल्शियम जैसे आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करता है।
एलोपेसिया एरीटा बीमारी
एलोपेशिया एरीटा एक ऐसी ऑटोइम्यून बीमारी है, जो बालों के झड़ने और गंजेपन से संबंधित है। शरीर में जब एलोपेशिया एरीटा बीमारी बढ़ती है तो यह बालों के रोम पर हमला करती है, और इससे बाल पतले होने लगते हैं। व्यक्ति धीरे-धीरे गंजा होने लगता है। बाल झड़ने से यह भी संकेत मिलता है कि व्यक्ति की इम्यूनिटी कमजोर हो रही है।
ल्यूपस के कारण
एलोपेशिया एरीटा की तरह ही ल्यूपस भी एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो बालों के झड़ने का कारण बनती है। ल्यूपस बीमारी होने पर भी चेहरे और सिर की त्वचा पर सूजन आती है। इसमें आइब्रो, आईलैशेज, दाढ़ी आदि से भी बाल जाने लगते हैं।