बुरहानपुर में एआइएमआइएम और बागी हर्षवर्धन के शक्ति प्रदर्शन ने भाजपा-कांग्रेस काे चिंता में डाला

AIMIM and rebel Harsh Vardhan's

 

बुरहानपुर। विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन जमा करने की अंतिम तारीख पर सोमवार को कांग्रेस के बागी नफीस मंशा खान ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम से नामांकन दाखिल किया। नामांकन से पहले उन्होंने शहर में रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया। इसी तरह भाजपा के बागी और नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान ने भी रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया। इन दोनों बागियों की रैली में जुटी हजारों समर्थकों की भीड़ ने भाजपा और कांग्रेस को चिंता में डाल दिया है।

दोनों दलों और उनके प्रत्याशियों की उम्मीद के विपरीत बुरहानपुर में दिखे नजारे ने उन्हें अपनी चुनावी रणनीति की फिर समीक्षा करने पर विवश कर दिया है। भाजपा प्रत्याशी अर्चना चिटनिस ने तो रैली का कार्यक्रम ही निरस्त कर दिया है। सूत्रों ने दावा किया है कि अब कांग्रेस प्रत्याशी ठा. सुरेंद्र सिंह ने भी मतदाताओं का समर्थन जुटाने के लिए पारंपरिक तरीकों को छोड़ नए पैंतरे आजमाने की तैयारी शुरू कर दी है।

रूठे नेता मानने को तैयार नहीं

दोनों दलों के बागी प्रत्याशियों का समर्थन कर रहे पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के मान मनव्वल का दौर भी जारी है, लेकिन रूठे नेता मानने को तैयार नहीं हैं। कांग्रेस ने नेपानगर और बुरहानपुर दोनों विधानसभा क्षेत्रों में महाराष्ट्र के नेताओं को इस काम में लगाया है। वहीं, भाजपा ने सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल और जिला अध्यक्ष मनोज लधवे को यह जिम्मेदारी सौंपी है। ये नेता अपने मिशन में कितने सफल हुए और कितने विफल, इसका पता दो नवंबर की शाम नामांकन फार्म वापसी की समय सीमा समाप्त होने के बाद चल जाएगा।

निष्ठावान कांग्रेस के बाद निष्ठावान भाजपाई संगठन

जिले में कांग्रेस प्रत्याशी को हराने के लिए गठित निष्ठावान कांग्रेस संगठन के बाद अब निष्ठावान भाजपाई संगठन भी तैयार हो गया है। गांधी चौक में हुई सभा में पूर्व निगम अध्यक्ष मनोज तारवाला ने तो यहां तक कह दिया कि इस मंच पर मौजूद नेता ही असली भाजपाई हैं। संगठन ने टिकट वितरण में व्यक्ति विशेष को महत्व दिया। इसलिए असली भाजपाइयों को एकजुट होना पड़ा। भाजपा के बागी हर्षवर्धन सिंह का दावा है कि पार्टी के अस्सी प्रतिशत नेता व कार्यकर्ता उनके साथ हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि किस परिवार ने पार्टी और कार्यकर्ताओं की नि:स्वार्थ सेवा की है। रैली में शामिल लोग हर्षवर्धन का मुखौटा लगाकर शामिल हुए और ‘मैं भी हर्षवधन हूं’ के नारे लगाते नजर आए।

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