भोपाल सरकार व्यापारियों को राहत देने में असफल रही है: नरेश ज्ञानचंदानी

naresh gyanchandani

भोपाल, नवगठित नगर निगम परिषद बैठक के पूर्व चर्चा में कांग्रेस नेता नरेश ज्ञानचंदानी ने कहा प्रदेश में लगातार भाजपा का शासन रहा है और भोपाल नगर निगम भी भाजपा अधीन रहा है। आम जनता और व्यापारी वर्ग कोरोना काल की मार से उभरे नही है मंहगाई की मार पड़ने लगी। राजधानी की जनता पर नगर निगम के करों के बोझ से कमर टूटी हुई है। जनता को सहारा देने के लिए नगर निगम को तत्काल संपत्ति कर आधा करना चाहिए।

लाइसेंस शुल्क की दर घटाई जाये

संपत्ति कर के साथ लाइसेंस शुल्क जमा करने की अनिवार्यता भले ही नगर निगम ने खत्म कर दी है लेकिन लाइसेंस शुल्क का भार व्यापारियों पर ही पड़ता है। ज्ञानचंदानी ने कहा है कि भाजपा की नगर सरकार महापौर और पार्षदों को व्यापारियों के हित में लाइसेंस शुल्क कम करना चाहिए।

ज्ञानचंदानी ने कहा है नगर निगम ने लाइसेंस शुल्क की दरें कम करना था नगर निगम ने लाइसेंस शुल्क की दरों में बेतहाशा बढ़ोतरी कर दी है। पहले जहां व्यापारियों पर 500 रुपये से लेकर 1250 रुपये तक शुल्क लिया जाता था वहीं अब दुकान की साइज के हिसाब से संपत्ति कर तय किया जा रहा है। मेन रोड की दुकानों पर ₹6 प्रति स्क्वायर फुट, पास की दुकानों पर ₹5 प्रति स्क्वायर फुट एवं अंदर की दुकानों पर ₹4 प्रति स्क्वायर पर लाइसेंस शुल्क लिया जा रहा है।

संपत्ति कर से अधिक लाइसेंस शुल्क

कुछ दुकानों पर संपत्ति कर से लाइसेंस शुल्क अधिक लिया जा रहा है। संपत्ति कर से अधिक लाइसेंस शुल्क लेने से व्यापारी परेशान हैं। इसमें कई विसंगतियां है। कुछ दुकानें बंद पड़ी है नगर निगम उनसे भी लाइसेंस शुल्क मांग रहा है। कांग्रेस मांग करती है संपत्ति कर आधा हो, लाइसेंस शुल्क की दर घटाई जाये

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