India Toy Industry: दुनिया के कई देशों में बड़े पैमाने पर रोजगार और कैपिटल बनाने के लिए खिलौनों का कारोबार काम आता है. कुछ साल पहले भारत में ऐसी स्थिति थी कि खिलौनों के कारोबार की ज्यादातर मांग चीन से आने वाले टॉयज ही पूरी करते थे, पर अब स्थिति बदल गई है. आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना पर काम करते हुए भारत ने खिलौना कारोबार में तेज विकास दर हासिल की है.
भारत का खिलौना निर्यात 239 फीसदी बढ़ा
वित्त वर्ष 2015 से वित्त वर्ष 2023 के बीच भारत में खिलौनों का एक्सपोर्ट यानी निर्यात बेहद तेजी से बढ़ा है. इस दौरान जहां भारत का खिलौना निर्यात 239 फीसदी बढ़ा है वहीं इंपोर्ट यानी आयात में 52 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. इसके परिणामस्वरूप भारत खिलौना इंडस्ट्री में नेट एक्सपोर्टर का दर्जा हासिल कर चुका है.
भारत ने लिए कड़े फैसले जिनका दिखा असर
भारत ने ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) अप्रूवल को भारत में खिलौने बेचने के लिए अनिवार्य कर दिया है और बेसिक कस्टम ड्यूटी को बढ़ाकर 70 फीसदी कर दिया था जिसके बाद ही भारत में बने खिलौनों और टॉयज आइटम्स की बिक्री बढ़ाने में काफी मदद मिली. इंडस्ट्री के बड़े खिलाड़ियों जैसे Hasbro, Mattel, Spin Master और Early Learning Centre को अब अपने खिलौनों के लिए भारत से आए टॉयज पर निर्भरता बढ़ानी पड़ी. Dream Plast, Microplast और Incas बड़े मैन्यूफैक्चर्रर्स ने अपना फोकस चीन से हटाकर भारत पर कर लिया है जिसका असर भारतीय खिलौनों के लिए बढ़ते बाजार के रूप में सामने आया है.
देश खिलौना एक्सपोर्ट में बना दिग्गज
बीआईएस रेगुलेशन से पहले भारत की खिलौनों के लिए निर्भरता को देखें तो ये 80 फीसदी से ज्यादा चीन पर आधारित थी. हालांकि अब हालात ऐसे हैं कि देश का 60 फीसदी से ज्यादा टॉय प्रोडक्शन एक्सपोर्ट की जरूरतों को पूरा करने में जा रहा है. इसमें जीसीसी की 33 कैटेगरी शामिल हैं जिसमें यूरोप और अमेरिका से आ रही मांग भी है. जल्द ही ये सीमा 40 देशों तक पहुंच जाएगी और इसके पीछे सरकार की बीआईएस पॉलिसी जैसे सपोर्ट को भी कारक माना जा सकता है.
खिलौना इंडस्ट्री के कुछ प्रमुख तथ्य
साल 2023 में भारत की खिलौना इंडस्ट्री का साइज 1.7 बिलियन डॉलर था जिसे 2032 तक बढ़कर 4.4 बिलियन डॉलर पर आने का अंदाजा है.
2014 से 2022-23 तक भारत का खिलौना एक्सपोर्ट 239 फीसदी बढ़ा है और इंपोर्ट 52 फीसदी तक गिर गया है.
1 जनवरी 2021 से भारत ने ऐसे खिलौनों की बिक्री पर रोक लगाई है जो बीआईएस सर्टिफाइड नहीं हैं.
मार्च 2023 में खिलौने के इंपोर्ट के ऊपर कस्टम ड्यूटी बढ़कर 70 फीसदी कर दी गई है.