Gangaur Festival 2024: में गणगौर पर्व दीपावली जैसी चकाचौंध व महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसकी तैयारी लगभग एक माह पहले से ही शुरू हो गई थी। लोक मान्यताओं के अनुसार अपने ससुराल सौराष्ट्र से अपने मायके निमाड़ में गणगौर आगमन पर यहां की महिलाओं को वही प्रसन्नता होती है, जो एक बेटी के आगमन पर मां को होती है। किसी मेले के समान लगने वाले भक्तों के जमावड़े में सभी वर्गों के स्त्री, पुरुष समान रूप से माता की आवभगत में जुट जाएंगे।
श्रद्धालुओं ने बताया कि इस बार उत्सव के रूप में नहीं, बल्कि महोत्सव के रूप में गणगौर महापर्व मनाया जाएगा। चार अप्रैल से माता की मूठ के साथ गणगौर महोत्सव की शुरुआत होगी। 13 अप्रैल तक श्रद्धालुओं द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसमें ग्राम सहित क्षेत्र के श्रद्धालु शामिल होंगे।
पं. जयप्रकाश शर्मा बताते हैं कि हमारे पूर्वज इस बाड़ी को पूजते आ रहे हैं। हमारे पूर्वज बताते हैं कि पहले गांव छोटा था तथा रथ भी मात्र 15 से 20 आते थे, परंतु अब मातरानी पर आस्था सभी की बहुत है। अब रथ सैकड़ों की संख्या में ग्राम सहित क्षेत्र में बनते हैं। बड़े हर्षोल्लास से आयोजन में क्षेत्र की जनता भाग लेती है।
वर्ष 1984 के बाद से सार्वजनिक गणगौर समितियों द्वारा रथ बौड़ाने का सिलसिला श्रद्धालुओं द्वारा प्रारंभ किया गया था। उसके बाद वर्ष 2012 में क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा उत्सव को भव्य स्वरूप दिया गया। प्रतिवर्ष प्रत्येक आयोजन समिति नए कलेवर व साज-सज्जा के साथ आयोजन कर रही है।