भोपाल : मंगलवार, जुलाई 2, 2024/ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश राज्य विमुक्त, घुमक्कड़ जाति विकास अभिकरण के पूर्व अध्यक्ष संजय जाधव ने विमुक्त, घुमंतु एवं अर्द्ध घुमंतु समुदायों के जाति प्रमाण पत्र की विसंगति एवं समस्या के संबंध में कल प्रदेश शासन की मंत्री कृष्णा गौर को एक ज्ञापन सौंपा।
संजय जाधव ने ज्ञापन में कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति का स्थायी प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए गए है। परंतु इस प्रक्रिया में पूर्ण परिवर्तन की आवश्यकता है। जाधव ने कहा कि भारत सरकार और प्रदेश सरकार में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियां है। जबकि विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ नाम का कोई जाति वर्ग नहीं है। इसी कारण इसका जाति प्रमाण पत्र जारी करने का कोई औचित्य नहीं है। विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ एक समुदाय है। इस समुदाय में कुल 51 जातियां आती है। इनमें से 11 जातियां अन्य पिछड़ा वर्ग में एवं 15 जातियां अनुसूचित जाति में आती है। शेष 25 जातियां अनारक्षित वर्ग में आती है। 11 जातियां अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आती है। उन्हें शासन के निर्देशानुसार अन्य पिछड़ा वर्ग का ही स्थायी जाति प्रमाण पत्र प्रदान किया जाना चाहिए, जिससे उन्हें आरक्षण मिल सके।
संजय जाधव ने मांग करते हुए कहा कि विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ समुदाय की कल्याण योजनाओं का अतिरिक्त लाभ देने के लिए पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र के नंबर पर ही समुदाय का प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए। इसी प्रकार जो 15 जातियां अनुसूचित जनजाति में आती है उन्हें अनुसूचित जाति का स्थायी जाति प्रमाण दिया जाना चाहिए। विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ का एक प्रमाण पत्र अनुसूचित जाति के स्थायी जाति प्रमाण पत्र के समान नंबर पर दिया जाना चाहिए। इसी प्रकार शेष 25 जातियां जो अनारक्षित वर्ग में आती है उन्हें विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ समुदाय का प्रमाण दिए जाने के निर्देश दिए जाए जिससे बच्चों को स्कॉलरशिप, शिष्यवृत्ति एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
संजय जाधव ने कहा कि इस समुदाय में शामिल अनुसूचित जातियों से जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए 1951 का रिकार्ड मांगा जाता है जो उचित नहीं है। विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ में शामिल इन अनुसूचित जातियों के पास रिकार्ड होना संभव ही नहीं है। इसलिए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 13 जनवरी 2014 को जारी निर्देशों में बिन्दु 5 के उपबिन्दु 5.3 आवेदक जिनके पास वर्ष 1950 में मध्यप्रदेश में निवास संबंधी दस्तावेज नहीं ळै का पालन अनिवार्य रूप से करवाने का आदेश जारी किए जाए जिससे जाति प्रमाण पत्र आसानी से बन सके।