मप्र में अत्याचार को संरक्षण देने और प्रशासन का दुरूपयोग करने वाली सरकार चल रही है: जीतू पटवारी

भोपाल : सोमवार, जुलाई 22, 2024/ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक की कल आयोजित संयुक्त पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये पटवारी ने कहा कि मप्र में अत्याचार को संरक्षण देने और प्रशासन का दुरूपयोग करने वाली दोहरे चरित्र की भाजपा सरकार पर्ची वाले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के राज में चल रही है। प्रदेश में दो अलग-अलग विचारों के कानून चल रहे है, दबंगों के लिए अलग और दलित, अल्पसंख्यक के लिए अलग। प्रदेश सरकार की दोयम प्रकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुये पटवारी ने कहा कि कानून का उल्लंघन करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ मोर्चा खोलकर निर्दोष व्यक्तियों दलितों, अल्पसंख्याकों के पक्ष में खड़ी होकर कांग्रेस पार्टी आवश्यकता पड़ने पर कोर्ट में इन अधिकारियों के खिलाफ आवाज उठायेगी।

पटवारी ने कहा कि भाजपा राज में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लगातार प्रशासन द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। जैसा कि प्रदेश में एक एजेंड़े के तहत काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भिण्ड के कलेक्टर ने हत्या करने वाले एक व्यक्ति का मकान तोड़ा वहीं दूसरे अपराधी के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हुई। एक कानून में दो अलग-अलग विचार प्रस्तुत हुये उसका वीडियो भ वायरल हुआ, जिसने उसने कहा कि मकान उसके तोड़े जायेंगे जिससे नफरत और घृणा बढ़ेगी, प्रशासन को खुली छूट दे गई है कि सिर्फ दमनकारी रवैये के साथ काम करें।

पटवारी ने कहा कि इस प्रदेश के दलितों पर, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर, अल्पसंख्यक परिवार के साथियों पर कार्यवाही करों और अपराधियों को छूट दो यह दोहरा चरित भाजपा अपना रही है। उज्जैन की घटना पुलिस खड़ी थी, गले में हाथ डालकर एक विकास यादव नामक व्यक्ति को एक व्यक्ति द्वारा गोली मार दी गई, पुलिस के सामने गोली मार दी, यह छोटी घटना नहीं। यह बार-बार अहसास कराता है कि ये तीन-सी की सरकार, कर्ज क्राईम और करप्शन की सरकार है। भिण्ड में लगातार तीन कांग्रेेस कार्यकर्ताओं के मकान तोड़े गये, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. गोविंद सिंह पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। यह भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा, नफरत घृणा और बदले का अहसास कराता है कि प्रदेश का भविष्य सुरक्षित नहीं है।

पटवारी ने कहा कि प्रदेश की जनता ने बहुत अंर्तमन से भाजपा को वोट दिया था और भावना व्यक्त की थी कि प्रदेश अच्छा चलेगा। परंतु लगातार वह चाहे लाड़ली बहना के नाम पर हो, गैस सिलेण्डर, चाहे समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान के नाम पर वोट मिला हो, पर गुमराह करके, भ्रम फैलाकर वोट लिया, सरकार द्वारा उस पर एक शब्द नहीं बोला जाता और लगातार दमनकारी व्यवहार भाजपा सरकार और उनके नेताओं का बढ़ता जा रहा है।

पटवारी ने कहा कि मप्र क्राईम की राजधानी बन गया है, क्राईम में जो स्थिति हैं, जहां से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आते हैं वहां सप्ताह में औसतन तीन से चार हत्याएं होती ही हैं। लूट होती है, जमीनों के अवैध धंधे और जमीनों पर लगातार कब्जा, यह वहां का चरित्र बन गया है। उज्जैन के व्यापारी डरे हुये है, भाजपा किस तरह का तांडव, अंग्रेजों जैसा दमन करने लगी है?

पटवारी ने कहा कि कल कांग्रेस की राजनैतिक मामलों की समिति की बैठक हुई जिसमें एक प्रस्ताव पारित हुआ है कि किसी भी प्रकार का दमन जो कानून से बाहर जाकर सरकार, अधिकारी और कर्मचारी करेंगे कांग्रेस का कार्यकर्ता अब ताकत से उसके विरोध में खड़ा होगा। जिस दलित परिवार में किसी भी प्रकार की ऐसी घटना जो समाज को शर्मसार करती हो कांग्रेस पार्टी वहां खड़ी होगी, प्रशासन द्वारा कानून के उल्लंघन के तहत मकान तोड़ने की प्रक्रिया की जायेगी, कानून का उल्लंघन करेंगे, भेदभाव करेंगे वहां भी कांग्रेस कार्यकर्ता पूरी ताकत के साथ खड़े होकर उसका विरोध और मुकाबला करेंगे, जो अधिकारी नियम के विरूद्व जाकर काम करेगा, उसके खिलाफ मप्र कांग्रेस कोर्ट का दरवाजा खटखटायेगी। यह राजनैतिक विचार कांग्रेस पार्टी ने लिया है।

पटवारी ने कहा कि भाजपा सरकार और मोहन यादव से यह भावना व्यक्त करता हूं कि ऐसी कोई विधानसभा नहीं है जहां पर आप प्रशासन से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ दोहरा व्यवहार कर रहे हैं, उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि अति का अंत होता है। जिस तरह का व्यवहार प्रदेश में किया जा रहा है, वह लोकतांत्रिक देश में शोभा नहीं देता।

पटवारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरी दृढता से कांग्रेस कार्यकर्ताओं, दलित परिवारों शोषित और पीड़ित परिवार के साथ प्रशासन द्वारा जो दोहरा व्यवहार, दबाने का प्रयास होता है उसके खिलाफ पूरी ताकत से लड़ाई लड़ेगी। विगत 19 जुलाई को बड़ामलहरा में एक अहिरवार समाज के व्यक्ति की हत्या की गई लेकिन अभी तक कोई प्रशासनिक कार्यवाही नहीं हुई आरोपी को आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया। इससे यह स्पष्ट है कि दलितों पर लगातार बढ़ते अत्याचार यह बताता है कि सरकार दलित विरोधी है। यह सरकार अत्याचार को संरक्षण देने वाली और प्रशासन का दुरूपयोग करने वाली सरकार है।

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