भोपाल। टेरर फंडिंग मामले में केंद्रीय अन्वेषण अभिकरण एजेंसियों की प्रदेश में छापामारी से कट्टरपंथी संगठनों में हड़कंप मच गया है। बताया जाता है कि पिछले सालभर से प्रदेश में जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी), सूफा और पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) आतंकी संगठनों ने अपना नेटवर्क बढ़ना शुरू किया है। प्रदेश में सिमी आतंकियों की गतिविधियां भी सामने आती रही हैं। इसी को देखते हुए केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां इन पर लगातार कार्रवाई कर रही हैं।
अगस्त 2021 में इंदौर के बाणगंगा क्षेत्र में महिलाओं से अश्लील हरकत करने पर एक चूड़ी बेचने वाले के साथ भीड़ ने मारपीट की थी। उसने अपना हिंदू नाम रख रखा था, जबकि वह मुस्लिम था। गिरफ्तारी के बाद इस मामले में चूड़ी वाले के समर्थन में थाने के बाहर प्रदर्शन कर भीड़ ने थाना घेर लिया था। इस घटना में मप्र में सबसे पहले पीएफआइ का नाम सामने आया था। उस समय भी सरकार ने पीएफआइ पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। इसी तरह कट्टरवाद फैलाने वाले आतंकी संगठन सूफा ने भी प्रदेश में अपनी सक्रियता बढ़ाई है।
रतलाम के दो युवकों को जयपुर पुलिस ने छह माह पहले गिरफ्तार किया। इनमें रतलाम के जुबैर और अल्तमस शामिल थे। बाद में इन दोनों के सूफा संगठन से जुड़े होने की जानकारी मिली थी। उनके पास से भारी मात्रा में आरडीएक्स बरामद हुआ था। इस केस को एनआइए ने अपने हाथ में ले रखा है। सूफा संगठन स्लीपर सेल बनाने का काम करता है। इन दोनों आतंकियों के नाम 2017 में रतलाम हुए तरुण हत्याकांड में भी आए थे।