केन्‍द्रीय मंत्री गजेन्‍द्र सिंह शेखावत ने आगामी युग युगीन भारत संग्रहालय के लिए तीन दिवसीय राज्य सम्मेलन का उद्घाटन किया

नई दिल्ली : शुक्रवार, अगस्त 2, 2024/ केन्‍द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्‍द्र सिंह शेखावत ने 1 से 3 अगस्त, 2024 तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ‘युग युगीन भारत संग्रहालय पर राज्य संग्रहालय सम्मेलन’ का उद्घाटन किया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की ‘युग युगीन भारत संग्रहालय’ की कल्‍पना को साकार करने में राज्य संग्रहालयों और केन्‍द्र सरकार के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है, जिसका उद्देश्य विश्‍व की सर्वोत्‍तम कार्य प्रणालियों का उदाहरण प्रस्तुत करना है। ‘युग युगीन भारत संग्रहालय’ के लिए भारत की कलाकृतियों की व्यापक समझ को बढ़ावा देने के लिए, राज्यों को आगामी राज्य सम्मेलन में अपने-अपने राज्य के संग्रह के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया गया है।

इस अवसर पर, केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन में देश भर के रेजिडेंट कमिश्नर, संग्रहालयों के निदेशक, अधीक्षक, क्यूरेटर, प्रोफेसर और शोधकर्ताओं सहित हितधारकों के विविध समूह ने भाग लिया है। यह संस्कृति मंत्रालय के जीएलएएम प्रभाग द्वारा किए गए क्षमता निर्माण पहलों की श्रृंखला का तीसरा चरण है। अंतर-मंत्रालयी परामर्श 14 जून, 2024 को आयोजित किए गए थे और उसके बाद संग्रहालय पेशेवरों-निदेशकों, क्यूरेटर, शिक्षा अधिकारियों और संरक्षकों के साथ सहयोगात्मक कार्यशाला 25-29 जून, 2024 तक फ्रांस संग्रहालयों की साझेदारी में आयोजित की गई थी। मंत्री ने कहा कि प्रसिद्ध भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय पेशेवरों के नेतृत्व में इन क्षमता निर्माण कार्यशालाओं के माध्यम से, मंत्रालय का उद्देश्य राज्य स्तर के कर्मियों को संग्रह प्रबंधन, अभिलेखीकरण और संग्रहालय प्रशासन में आवश्यक कौशल से लैस करना है।

मंत्री महोदय ने उम्मीद जताई कि तीन दिवसीय राज्य सम्मेलन भारत में संग्रहालय इकोसिस्‍टम को और मजबूत करेगा तथा ‘युग युगीन भारत संग्रहालय’ (वाईवाईबीएम) परियोजना के लिए संभावित सहयोगियों के साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने के अवसर प्रदान करेगा। मंत्री महोदय ने कहा कि सहकारी संघवाद और संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण की भावना के साथ, इन विचार-विमर्शों के माध्यम से प्राप्त ज्ञान वाईवाईबीएम संग्रहालय को ‘दुनिया के आश्चर्य’ के रूप में विकसित करने में सहायक होगा, जो भारत के दृष्टिकोण- ‘विकास भी, विरासत भी’ के अनुरूप है।

राज्य स्तरीय संग्रहालय विकास पहलों को समर्थन देने के लिए, संस्कृति मंत्रालय तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान उपलब्ध वित्तपोषण योजनाओं का अवलोकन भी प्रस्तुत करेगा, जिसमें हाल ही में अद्यतन संग्रहालय अनुदान योजना और विज्ञान संस्कृति संवर्धन योजना शामिल है।

युग युगीन भारत संग्रहालय सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में उत्तर और दक्षिण ब्लॉक में बनाया जाएगा, जिसका उद्देश्य नई दिल्ली के रायसीना हिल के पास स्थित भारत के केन्‍द्रीय प्रशासनिक क्षेत्र का पुनरुद्धार करना है। संग्रहालय 1,54,000 वर्गमीटर में फैला होगा, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय बना देगा। संग्रहालय के लिए वीडियो वॉकथ्रू का अनावरण सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 18.05.2023 को संस्कृति मंत्रालय के जीएलएएम (गैलरी, लाइब्रेरी, अभिलेखागार और संग्रहालय) प्रभाग द्वारा आयोजित पहले अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो के उद्घाटन के अवसर पर किया था और जुलाई 2023 में भारत मंडपम के उद्घाटन के दौरान इसे दोहराया गया था।

संग्रहालय को फ्रांस के सहयोग से एडैप्टिव रीयूज के माध्यम से विकसित किया जाएगा, क्योंकि फ्रांस को लौवर जैसी समान परियोजनाओं में विशेषज्ञता प्राप्त है, जिसमें फ्रांसीसी वित्त मंत्रालय भी स्थित है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही मित्रता के कारण फ्रांस इस परियोजना के लिए भागीदार है, जिसने 2020 में दोनों सरकारों के बीच एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर करने में योगदान दिया था, जिसमें संग्रहालय और विरासत सहयोग पर जोर दिया गया था।

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