मां के दूध का कोई विकल्प नहीं : राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल

लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि माँ के दूध का कोई विकल्प नहीं है। इससे नवजात को आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। जन्म के 1 घंटे के भीतर शिशु को मां का दूध पिलाना सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। इसके लिए लोगों को जागरूक करने के प्रयास सतत होते रहने चाहिए। राज्य मंत्री पटेल डॉ कैलाशनाथ काटजू हॉस्पिटल भोपाल में स्तनपान जागरूकता एवं पोषण आहार परामर्श कार्यक्रम में शामिल हुए।

राज्य मंत्री पटेल ने चालित खाद्य प्रयोगशाला का अवलोकन किया गया। इस प्रयोगशाला में खाने में मिलावट की जांच सरल विधियों से किए जाने की जानकारी दी जाती है। चलित प्रयोगशाला में विभिन्न खाद्य पदार्थों, पेय पदार्थों, मसाले इत्यादि में मिलावट की जांच करने के सरल घरेलू तरीके भी बताए जाते हैं। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण आहार प्रदर्शनी लगाई गई। जिसमें घर में उपलब्ध खाद्य पदार्थों जैसे चना, मूंगफली, नारियल,बेसन इत्यादि से पौष्टिक व्यंजन बनाने के तरीके बताए गए।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन भोपाल द्वारा मिलेट्स आधारित फूड्स प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को पौष्टिक मिलेट्स व्यंजनों की जानकारी दी गयी। राज्य मंत्री पटेल ने कहा कि श्री अन्न के दैनिक जीवन में उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम बेहद उपयोगी है।

वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ शिशु रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ शीला भंबल ने कहा कि जन्म के 1 घंटे के भीतर दूध से निकलने वाला कोलस्ट्रम नामक तत्व बच्चों के लिए पहले प्राकृतिक टीके का काम करता है। छह माह तक के बच्चे को सिर्फ और सिर्फ मां के दूध की जरूरत होती है। इस दौरान पानी की भी जरूरत नहीं है। वरिष्ठ न्यूट्रीशनिस्ट डॉ अमिता सिंह ने बताया कि प्रसवकाल एवं प्रसव पश्चात पोषक भोजन के लिए बेसन या चने की रोटी, हरी सब्जी, अमरूद, आंवला का उपयोग करना चाहिए। लोहे के बर्तन में बना खाना आयरन का अच्छा स्रोत है। प्रसव काल में आयरन के अब्जॉर्प्शन को बढ़ाने के लिए खट्टी चीजों के इस्तेमाल को प्राथमिकता देनी चाहिए।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि 1 से 7 अगस्त की अवधि में स्तनपान के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। स्वास्थ्य संस्थाओं में स्तनपान की विधि, मां और शिशु को होने वाले लाभ सहित पोषण आहार संबंधी परामर्श दिए जा रहे हैं। सभी प्रसव केंद्रों पर शिशु जन्म के 1 घंटे के भीतर उसे मां का पहला पीला गाढ़ा दूध पिलवाना सुनिश्चित करवाया जा रहा है। कार्यक्रम में हितग्राहियों ने अपने अनुभव भी साझा किए।

 

Previous articleबहनों के सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित- मुख्यमंत्री डॉ. यादव
Next articleमध्यप्रदेश को मिला Best Emerging State in Organ Donation केटेगरी का राष्ट्रीय पुरस्कार