राज्यसभा सांसद अरुण सिंह और अध्यक्ष केवीआईसी मनोज कुमार ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की शुरुआत की

राज्यसभा सांसद अरुण सिंह के साथ खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार के अध्यक्ष मनोज कुमार ने नई दिल्ली के कनॉट प्लेस के बाबा खड़क सिंह मार्ग स्थित खादी ग्रामशिल्पा लाउंज में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर राष्ट्रीय ध्वजों, चरखों और वस्त्रों के स्पेशल बिक्री केंद्र का भी शुभारंभ किया गया।

इस कार्यक्रम में बोलते हुए राज्यसभा सांसद अरुण सिंह ने देशवासियों से अपील की कि हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी लोग अपने घरों पर खादी के बने राष्ट्रीय ध्वजों को फहराये ताकि केवीआईसी से जुड़े कारीगरों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हों। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केवीआईसी ग्रामीण भारत के उत्थान के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी का परिणाम है कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार वित्त वर्ष 2023-24 में केवीआईसी के उत्पादों की बिक्री 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई है।

अध्यक्ष केवीआईसी मनोज कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के अमृतकाल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विरासत खादी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ब्रांड शक्ति से केवीआईसी ने नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘हर घर तिरंगा अभियान’ को भारतवर्ष के घर-घर तक पहुंचाने के लिए केवीआईसी पूरे देश में ‘हर घर तिरंगा, हर घर खादी’ अभियान चला रहा है। इस अभियान के तहत देशभर के खादी स्टोर पर खादी/पॉलीवस्त्र से बने 3X2 फीट के राष्ट्रीय ध्वज 198 रुपये के मूल्य पर उपलब्ध हैं। उन्होंने आगे कहा कि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नये भारत की नयी खादी ‘विकसित भारत की गारंटी’ बन गई है।

हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत करते हुए अध्यक्ष केवीआईसी मनोज कुमार ने कहा कि पूज्य बापू की विरासत खादी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और एमएसएमई मंत्रालय के मार्गदर्शन में खादी क्रांति के माध्यम से विकसित भारत अभियान को गांव-गांव में नयी शक्ति दे रही है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने खादी को बढ़ावा देने के लिए देश-विदेश के हर मंच से आह्वान किया। उन्होंने जब-जब मन की बात में लोगों से खादी खरीदने की अपील की, खादी की बिक्री में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज हुई। हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात के 112वें संस्करण में देशवासियों से स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा यात्रा अभियान से जुड़ने के साथ-साथ खादी के वस्त्र खरीदने की अपील की है। अपनी अपील में उन्होंने कहा, “आपके पास भांति-भांति के वस्त्र होंगे और आपने अब तक अगर खादी के वस्त्र नहीं खरीदे तो इस साल से शुरू कर दें। अगस्त का महीना आ ही गया है। ये आजादी मिलने का महीना है। क्रांति का महीना है। इससे बढ़िया अवसर और क्या होगा, खादी खरीदने के लिए।” अध्यक्ष केवीआईसी ने कहा कि प्रधानमंत्री की अपील खादी कारीगरों के लिए संजीवनी है, क्योंकि उनकी ब्रांडशक्ति से पिछले 10 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री में पांच गुना और उत्पादन में चार गुना वृद्धि हुई है। पहली बार इस क्षेत्र में 10.17 लाख नए रोजगार सृजित हुए हैं। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में प्रधानमंत्री की अपील से हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत 7.25 करोड़ रुपये के खादी के राष्ट्रीय ध्वजों की बिक्री हुई थी।

अध्यक्ष केवीआईसी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुसार ‘विकसित और आत्मनिर्भर भारत’ निर्माण के लिए गांव-गांव तक ‘खादी ग्राम स्वराज अभियान’ को सशक्त करने लिए केवीआईसी देशभर में कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दे रहा है। हर घर तिरंगा अभियान के माध्यम से राष्ट्रीय ध्वज बनाने वाले खादी के कारीगरों को अतिरिक्त आय की प्राप्त हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले 10 वर्षों में ‘नये भारत की नयी खादी’ ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को नयी दिशा दी है। खादी का उत्पादन और बिक्री बढ़ने से ग्रामीण भारत के कारीगर आर्थिक रूप से समृद्ध हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ मंत्र ने खादी को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाया है।

केवीआईसी के कनॉट प्लेस स्थित खादी ग्रामशिल्पा लाउंज में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 9 से 15 अगस्त तक राष्ट्रीय ध्वजों के साथ ही खादी के कुर्ते, छोटे-बड़े चरखे बिक्री के लिए रखे गये हैं। इस कार्यक्रम में एमएसएमई मंत्रालय के संयुक्त सचिव विपुल गोयल और केवीआईसी के अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

Previous articleयूपीआई के जरिए भुगतान की सीमा एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये
Next articleहर विभाग में तलाशी जायें स्किल डेवलपमेंट की संभावनाएं: मुख्यमंत्री डॉ. यादव