विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मानवीय संवेदनाओं को और मजबूत करेगा – विष्णुदत्त शर्मा

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने आज बुधवार को कटनी में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन कर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों नें 1947 में देश का बंटवारा होने दिया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि मेरे शरीर के दो टुकड़े होंगे, इसके बाद देश का बंटवारा होगा, लेकिन पद की लालसा रखने वाले प्रधानमंत्री बनने के लिए 1947 में देश का बंटवारा होने दिया। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश के बंटवारे का विरोध किया था, लेकिन उनकी बात को नहीं माना गया और देश के बंटवारे के बाद जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देकर देश से अलग करने का पूरा षड्यंत्र रचा गया। इसके बाद डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने विरोध करते हुए का एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे और आंदोलन शुरू कर दिया। डॉ. मुखर्जी को धारा 370 के उल्लंघन के विरोध में गिरफ्तार किया गया और जेल के अंदर रहस्यमय तरीके से उनकी मौत हो गई। इसी प्रकार प्रदेश भर में विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किए गए।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कहा है कि देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। पद की लालसा वाले लोगों ने तुष्टिकरण की राजनीति करते हुए देश का बंटवारा हो जाने दिया और बंटवारे का दंश सहने वाले लोगों की पीड़ा को नहीं देखा। स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि जब भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी, तब जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटा लिया जाएगा। नरेन्द्र मोदी जब देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने सबसे पहले जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का कार्य किया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाकर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के संकल्प को पूरा किया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद शर्मा ने कहा कि देश के बंटवारे के समय हमारे लाखों हिंदू भाई-बहनों का कत्लेआम करके लाशों को पाकिस्तान से आने वाली ट्रेनों में भरकर भारत भेजा गया था। हिंदू समाज की लाखों माताओं-बहनों के साथ पाकिस्तान में दरिंदगी की गई। देश की स्वतंत्रता से पहले हुए संघर्ष, बलिदान की याद में केंद्र सरकार ने प्रति वर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का निर्णय लिया है। यह स्मृति दिवस विभाजन के समय अपना बलिदान देने वालों के कष्ट व दर्द की याद दिलाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस देश के बंटवारे के समय बलिदान देने वालों को याद करने के साथ एकता व मानवीय संवेदना को मजबूत करने का कार्य करेगा। आजादी के तत्काल बाद सत्ता में आने वाले लोगों ने पद की लालसा में देश का बंटवारा होने दिया। लेकिन भाजपा तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों को बेनकाब करती रहेगी। एक कांग्रेस पार्टी थी जिसने देश का बंटवारा होने दिया और एक भाजपा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह यहां तक कहते हैं कि पाक अधिकृत कश्मीर हमारा है, हम उसे लेकर रहेंगे। अखंड भारत एक भूमि का टुकड़ा मात्र नहीं है, यह सांस्कृतिक भारत है। आज देश के अंदर लोग इस दिशा में सोचते भी हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि आजादी के बाद वर्षों तक देश में शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी ने देश के बंटवारे के समय बलिदान देने वाले हिंदू समाज के लाखों लोगों को कभी याद नहीं किया। कांग्रेस आज भी देश में अंग्रेजों की तरह बांटों और राज करो की नीति पर कार्य कर रही है। आज बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ अमानवीय दुर्व्यवहार हो रहा है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदुओं को धर्म के आधार पर प्रताड़ित किया जाता है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदू, सिख समाज के लोगों को भारत की नागरिकता देने के लिए सीएए कानून बनाते हैं तो कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति शुरू कर देती है। सीएए कानून को लेकर कांग्रेस पार्टी भारत में रहने वाले मुस्लिम समाज को भ्रमित करने का कार्य कर रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समाज के लोगों की प्रताड़ना सहन नहीं की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस विषय पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

इस अवसर पर विधायक व पूर्व मंत्री संजय सत्येंद्र पाठक, विधायक संदीप जयसवाल, धीरेंद्र बहादुर सिंह, नगर निगम अध्यक्ष मनीष पाठक, पूर्व जिलाध्यक्ष पीतांबर टोपनानी, रामरतन पायल, रामचंद तिवारी, चमनलाल आनंद, जिलाध्यक्ष दीपक टंडन सोनी, जिला प्रभारी संजय साहू, मोहनलाल पारेचा, सुनील उपाध्याय, अभिषेक ताम्रकार, सिंधी समाज के वरिष्ठ अशोक चेलानी, नंदलाल बसरानी, करमचंद असरानी, वीरेंद्र तीर्थनी सहित जनप्रतिनिधि व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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