भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाज़िया इल्मी ने शुक्रवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकार-वार्ता को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कोलकाता में महिला डॉक्टर से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की बर्बरतापूर्ण घटना ममता सरकार के जमीर पर धब्बा है। इस जघन्य घटना के आरोपियों पर कार्रवाई करने की बजाय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बचाने, सबूत नष्ट कराने का शर्मनाम काम कर रही है। दुष्कर्मियों, अत्याचारी राक्षसों को बचाना, उन्हें संरक्षण देना ममता सरकार का पुराना रिकॉर्ड रहा है और यही इंडी गठबंधन का असली चरित्र भी है।
शाज़िया इल्मी ने कहा कि महिला चिकित्सक के साथ हुई बर्बरता के दोषियों पर कार्रवाई की बजाय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसके लिए राम, श्याम और वाम को जिम्मेदार बता रही हैं। राम किसी एक पार्टी या धर्म के नहीं, पूरे देश के हैं। इस घटना के संबंध में भगवान राम का नाम लिया जाना अत्यंत शर्मनाक है। ममता बनर्जी को इस देश को यह बताना होगा कि उन्हें राम से इतना बैर क्यों है? श्रीमती शाज़िया इल्मी ने कहा कि महिला डॉक्टर के पोस्टमार्टम में जिस तरह की बर्बरता और हैवानियत के साक्ष्य मिले हैं, उससे पूरा देश सदमे में हैं। अपराधियों को राजनीतिक शह दिये जाने के चलते पश्चिम बंगाल में लड़कियां इतनी असुरक्षित महसूस कर रही हैं कि उन्हें लगता है पता नहीं कब उनकी बारी आ जाए। लेकिन ममता बनर्जी और उनकी सरकार कार्रवाई की बजाय आरोपियों को उसी तरह संरक्षण दे रही है, जैसा शाहजहां शेख को दिया था और 40 दिनों तक उसे कानून से छिपाये रखा था। उन्होंने कहा कि सारा देश आज ये जानना चाहता है कि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल की नियुक्ति किसने की, प्रिंसिपल क्या कर रहा था, उसे बर्खास्त क्यों नहीं किया गया, घटना के समय सीसीटीवी कैमरे चालू क्यों नहीं थे?
शाज़िया इल्मी ने कहा कि इस पूरे मामले में ममता सरकार का रवैया शर्मनाक रहा है। पीड़ित महिला डॉक्टर के माता-पिता को ममता सरकार ने बताया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या की है। इस घटना के बाद से लगातार सबूत नष्ट करने और आरोपियों को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उस बिल्डिंग में अचानक रिनोवेशन का काम शुरू कर दिया गया, जिसमें ये बर्बर घटना हुई थी। टीएमसी के लोग हुड़दंग मचा रहे हैं। सर्वर रूम पर हमला करके सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर हटाने की कोशिश की गई। इल्मी ने कहा कि तथ्य गढ़े नहीं जाते और पीड़िता के पोस्टमार्टम से जो तथ्य मिले हैं, उनसे पता चलता है कि बलात्कारी संख्या में ज्यादा थे। वो लोग कौन हैं और कहां हैं? जिस कोलकाता पुलिस की ममता बनर्जी तारीफ करती हैं, वो क्या कर रही थी? वो कौन है, जो सबूतों को नष्ट करने का प्रयास कर रहा है? क्यों इस घटना के दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है? आज पूरा देश ये सवाल पूछ रहा है।
शाज़िया इल्मी ने कहा कि कोलकाता की तरह महिलाओं, बेटियों पर अत्याचार की घटना देश में कहीं भी हो, वह निंदनीय है। लेकिन ममता बनर्जी सिर्फ उन घटनाओं पर ही अपनी आवाज उठाती हैं, जो भाजपा शासित राज्यों में होती हैं। उन्हें पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में हो रही ऐसी ही वीभत्स घटनाएं दिखाई नहीं देतीं। क्या ममता बनर्जी इस तरह की घटनाओं के बारे में अपना रवैया इस बात से तय करती हैं कि उस राज्य में किस पार्टी की सरकार है? पीड़िता की जाति और धर्म क्या है? रेपिस्ट की जाति-धर्म क्या है और वो किस राजनीतिक दल से संबंध रखता है?
शाज़िया इल्मी ने कहा कि कोलकाता की घटना ऐसी पहली घटना नहीं है, जिसमें इंडी गठबंधन के लोगों ने अपराधियों को संरक्षण दिया हो। इससे पहले दुष्कर्म के आरोपी शाहजहां शेख को ममता बनर्जी किस तरह से बचाती रही हैं, पूरे देश ने देखा है। उत्तरप्रदेश के कन्नौज में एक 12 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म कर उसे गर्भवती बना दिया गया। लेकिन यहां भी सपा के मुखिया अखिलेश यादव आरोपी मोइद खान को बचाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि वो सपा नेताओं का करीबी रहा है। अपराधी पर कार्रवाई की मांग की बजाय अखिलेश यादव पीड़ित बच्ची पर झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं और गर्भस्थ शिशु के पितृत्व की जांच की मांग कर रहे हैं। पीड़ितों पर सवाल और अपराधियों को संरक्षण देना ही इंडी गठबंधन का असली चरित्र है।
पत्रकार-वार्ता के दौरान भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष उषा अग्रवाल, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी क्षमा त्रिपाठी, प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी एवं नेहा बग्गा उपस्थित रहीं।