मां दुर्गा के नौ रूपों की विशेष पूजा का उत्सव 26 सितंबर से शुरू हो रहा है। इसको लेकर भक्तों में उत्साह बना हुआ है। ज्योतिषाचार्य ने बताया, नवरात्र में पहला योग शुक्ल योग है, जिसकी शुरुआत 25 सितंबर सुबह 10:38 से होकर अगले दिन 26 सितंबर 2022 को 9 बजकर 26 मिनट पर तक रहेगी। दूसरा योग ब्रह्म योग है, जो 26 सितंबर, सुबह 9 बजकर 26 मिनट से शुरू होगा जिसका समापन 27 सितंबर, मंगलवार, 7 बजकर 14 मिनट पर होगा।
नवरात्र कलश स्थापना मुहूर्त
आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि का आरंभ 26 अगस्त 2022 सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक राहुकाल होगा।
सुबह 6 बजकर 11 मिनट से 7 बजकर 41 मिनट तक अमृत चौघड़िया।
सुबह 9 बजकर 12 मिनट से 10 बजकर 42 तक शुभ चौघड़िया।
ऐसे में सुबह 6 बजकर 11 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट के बीच फिर 9 बजकर 39 मिनट से 11 बजकर 40 मिनट के बीच शाम 4:32 से शाम 6:43 तक नवरात्र कलश स्थापना कर लेना बहुत ही शुभ रहेगा। अगर इस विशेष शुभ मुहूर्त में कलश नहीं बैठा पाते हैं तो अभिजीत मुहूर्त में 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट के बीच कलश बैठा सकते हैं। आज सर्वार्थ सिद्धि नामक शुभ योग रहेगा। इसके साथ ही अमृत सिद्धि योग भी प्रभाव में रहेगा। इन सबके बीच अति उत्तम संयोग यह है कि हस्त नक्षत्र इस दिन पूरे दिन रहेगा।
आमतौर पर नवरात्रि के नौ दिनों मां दुर्गा के नौ विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है और प्रत्येक दिन मां लक्ष्मी के एक रूप को समर्पित किया जाता है।
26 सितंबर 2022 : पहला दिन – प्रतिपदा, शैलपुत्री पूजा
27 सितंबर 2022 : दूसरा दिन – द्वितीया, ब्रह्मचारिणी पूजा
28 सितंबर 2022 : तीसरा दिन – तृतीया, चंद्रघंटा पूजा
29 सितंबर 2022 : चौथा दिन – चतुर्थी, कुष्मांडा पूजा, विनायक चतुर्थी, उपांग ललिता व्रत
30 सितंबर 2022 : पांचवां दिन – पंचमी, स्कंदमाता पूजा
1 अक्टूबर 2022 : छठा दिन – षष्ठी, कात्यायनी पूजा
2 अक्टूबर, 2022 : सातवां दिन – सप्तमी, कालरात्रि पूजा
3 अक्टूबर 2022 : आठवां दिन – दुर्गा अष्टमी, महागौरी पूजा, महानवमी
4 अक्टूबर 2022 : नौवां दिन – महानवमी
5 अक्टूबर 2022 : दसवां दिन – दशमी, दुर्गा विसर्जन और विजयदशमी (दशहरा)