मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में देश और मध्य प्रदेश में महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों में लगातार वृद्धि होना शर्मनाक और बेहद चिंताजनक हैं। कई मामलों में सामने आया है कि भाजपा के कार्यकर्ता महिलाओं या नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों में शामिल होना पाये गये हैं, लेकिन सत्ताधारी पार्टी से जुड़े होने के कारण वे सींखचों में जाने और कानून के सिकंजे से बच जाते हैं। ऐसे कई मामलों में पीड़िता या उसका परिवार सत्ता पक्ष के डर से पुलिस में अपनी शिकायत दर्ज कराने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाता है। इतना ही नहीं बेलगाम महंगाई ने महिलाओं की कमर तोड़ दी है, जिससे रसोई से लेकर घर-गृहस्थी के अन्य कामों में जिसका सीधा असर महिलाओं पर ही पड़ रहा है, जिससे परिवार चलाना और जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है, महिलाओं को समान काम के लिए समान वेतन भी नहीं मिल रहा। पौष्टिक आहार व स्वच्छता की कमी से वे बीमार पड़ रहीं हैं। बावजूद इसके सरकारी अस्पतालों में महिला रोग विशेषज्ञ, चिकित्सक ही उपलब्ध नहीं है।
विभा पटेल ने कहा कि महिलाओं की समस्याओं के चलते मध्य प्रदेश में अब नारी न्याय आंदोलन पूरी ताकत से गांव-गांव तक चलाया जायेगा। जिसकी शुरुआत अखिल भारतीय महिला कांग्रेस ने गत 29 जुलाई 2024 को नई दिल्ली के जंतर-मंतर से कर दी हैं, मध्य प्रदेश में इसका विस्तार शहरी और ग्रामीण इलाकों की महिलाओं तक किया जायेगा। जिसका उद्देश्य आधी आबादी (महिलाओं) के लिए हक मांगना है। साथ ही महिला आरक्षण, जातीय जनगणना, बढ़ती महंगाई और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मुद्दों को लेकर जन जागरण भी चलाया जायेगा। अभियान में समान वेतन, बेहतर स्वास्थ्य और स्वच्छता, लाड़ली बहनों को मुफ्त में कॉलेज तक शिक्षा और महिलाओं की सुरक्षा के लिए आवाज उठाई जाएगी।
विभा पटेल ने कहा कि महिलाओं को इस आंदोलन में जोड़ने के लिए जिला, ब्लाक, बूथ स्तर पर महिलाओं को जोड़कर, महिला अपराध, बेलगाम महंगाई के खिलाफ ‘‘नारी न्याय आंदोलन’’ चलाकर महिलाओं को न्याय दिलाने और उनके हक के लिए प्रदेश की कुंभकर्णी नींद में सोयी सरकार को जगाने का काम किया जायेगा।
विभा पटेल ने कहा कि महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस निम्न मुद्दों को लेकर प्रदेश में नारी न्याय आंदोलन का शंखनाद करने जा रही है:-
(1) संसद में पारित संविधान का (106 वां) संशोधन अधिनियम महिलाओं के प्रति भाजपा के विश्वासघात का प्रतीक है। संशोधन अधिनियम में कुटिल प्रावधान हैं, जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में सीटों के आरक्षण को 2029 के बाद ही लागू करने की अनुमति देंगे। मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की मांग है कि 33 प्रतिशत महिला आरक्षण अधिनियम को तुरंत लागू कराया जाए। इसमें भी 33 फीसदी आरक्षण पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को दिया जाना चाहिए।
(2) सामाजिक समानता, सामाजिक न्याय की खातिर जातिगत जनगणना शीघ्र करवायी जाये। जिसमें पिछड़े वर्गों की जाति, उप जाति, भाषा और आर्थिक स्थिति का भी उल्लेख किया जाए।
(3) प्रदेश में बेलगाम महंगाई और बेरोजगारी के चलते महिलाएं आर्थिक रूप से काफी कमजोर है। ऐसी स्थिति में सरकार की घोषणा अनुसार महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए नारी न्याय के तहत हर गरीब परिवार की एक महिला को 1 लाख रूपया सालाना या हर माह 8 हजार 500 रूपए की आर्थिक सहायता उनके बैंक खातों में सीधे तौर पर जमा करायी जाए।
(4) देश भर में महिलाओं का उत्पीड़न और शोषण हो रहा है। उनकी सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाये जायें। सामाजिक न्याय के तहत उनकी सुरक्षा, संरक्षण के लिए मजबूत कानून बनाया जाए ताकि अपराधियों में भय का माहौल बने। नए महिला थाने और पुलिस चौकियां स्थापित की जायें।
(5) म.प्र. में लंबे समय से महिलाओं, परित्यक्ता महिलाओं-युवतियों, कल्याणी, निराश्रित एवं वंचित वर्ग की महिलाओं आदि को वृद्धावस्था एवं सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है। सवा लाख महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने का मामला भी कागजी झमेले में उलझा है। पेंशन से वंचित महिलाओं की बड़ी संख्या है, जिसमें अधिकांश वंचित एवं निराश्रित वर्ग की है, इन सभी वर्ग महिलाओं को पेंशन दिलायी जाये, साथ ही रूकी हुई पेंशन भी शीघ्र प्रारंभ की जाये।
(6) अत्यंत दुःखद स्थिति है कि लाड़ली बहना योजना से बहनों के नाम लगातार काटे जा रहे हैं, मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस इसका विरोध करते हुये सरकार से मांग करती है कि लाड़ली बहना योजना का लाभ बगैर भेदभाव के सभी बहनों को दिलाया जाए। जिन महिलाओं के नाम काटे गए हैं, उन्हें पुनः पात्रों की सूची में शामिल किया जाए।
(7) स्मार्ट मीटर के कारण अनाप-शनाप बिजली बिल आने से महिलाएं के सामने आर्थिक संकट बना हुआ है, स्मार्ट मीटर के नाम पर बिजली कनेक्शन काटे जा रहे हैं, जिस पर रोक लगाई जाए।
(8) स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा-उषा, आंगनवाड़ी, मिड-डे मील रसोइया, आदि) के वेतन/ मानदेय में केंद्र सरकार का योगदान दो गुना किया जाए।
(9) महिलाओं के वेतन में भेदभाव को रोकने के लिए ‘समान काम, समान वेतन’ का सिद्धांत लागू किया जाए।
(10) मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस मांग करती है कि नारी न्याय योजना के तहत रोजगार के अवसरों में महिला-पुरूष असमानता को दूर कर केंद्र एवं राज्य की सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण, जिसमें पुलिस फोर्स, अर्द्ध सुरक्षा बलों में महिलाओं की समान भागीदारी सुनिश्चित की जाये।
अखिल भारतीय महिला कांग्रेस द्वारा विगत 29 जुलाई 2024 को नारी न्याय योजना के तहत दिल्ली में बड़ा आंदोलन किया गया था। साथ ही सभी राज्य में यह आंदोलन किये जाने का निर्णय लिया गया था। मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस द्वारा 28 अगस्त को राजधानी भोपाल में नारी न्याय आंदोलन के तहत बड़ा आंदोलन करने जा रही है। इसी तरह आगामी समय में नारी न्याय आंदोलन को प्रदेश के सभी जिलों में आयोजित किया जायेगा।