महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को पोषण ट्रैकर पहल के लिए मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को पोषण ट्रैकर पहल के लिए ई-गवर्नेंस 2024 का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार सरकारी प्रक्रिया और डिजिटल परिवर्तन के लिए पोषण ट्रैकर पहल को दिया गया है। पोषण ट्रैकर बच्चों के पोषण विकास की वास्तविक समय की निगरानी और मूल्यांकन के साथ बच्चों के लिए एक स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करता है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बताया कि 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मिशन पोषण 2.0 ने अपनी मासिक विकास निगरानी पहल पोषण ट्रैकर के माध्यम से लाखों जीवन के विकास पर नजर रखने में उल्लेखनीय प्रगति की है।

पोषण ट्रैकर कार्यक्रम ने विकास के मुद्दों की सफलतापूर्वक पहचान की है और उन्हें संबोधित किया है, जिससे लक्षित बेहतर पोषण परिणामों का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

मिशन पोषण 2.0, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ग्रोथ चार्ट के माध्यम से समय के अनुरूप बच्चे के ग्रोथ पैटर्न को ट्रैक करने में मदद करता है, जो बच्चों में होने वाले बदलाव और विकास की निगरानी में उपयोग किए जाने वाले आवश्यक अंग हैं। ये चार्ट मुख्य मानवशास्त्रीय मापों – जैसे कि ऊंचाई और वजन दर्शाते हैं और बच्चे के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। बच्चे के विकास को लेकर इसके माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण की स्थिति का आकलन करने में मदद मिलती है और शुरुआती मदद की सुविधा मिलती है।

पोषण ट्रैकर, एक अत्याधुनिक आईसीटी एप्लीकेशन है, जो इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाता है। इससे समय पर विकास से संबंधी मुद्दों की पहचान और ट्रैकिंग संभव हो पाती है। प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्र (एडब्ल्यूसी) पर उपलब्ध विकास मापक उपकरणों (जीएमडी) की सहायता, सटीक डेटा प्रविष्टि और नियमित निगरानी के साथ, कार्यक्रम ने प्रभावशाली परिणाम प्राप्त किए हैं।

वर्तमान में, मिशन पोषण 2.0 में 8.9 करोड़ बच्चे (0-6 वर्ष) शामिल हैं, जिनमें से 8.57 करोड़ बच्चों की वृद्धि नियमित मासिक वृद्धि माप के माध्यम से एक महीने में मापी गई है। यह व्यापक पहुंच और प्रभाव जीवन में बदलाव लाने के लिए इस कार्यक्रम की प्रतिबद्धता है।

स्वास्थ्य समस्याओं की प्रारंभिक पहचान, पोषण मूल्यांकन और विकास से संबंधित मुद्दों की ट्रैंकिग पर ध्यान केंद्रित करके, मिशन पोषण 2.0 न केवल स्वास्थ्य परिणामों में सुधार कर रहा है, बल्कि समुदायों को अपने बच्चों की भलाई की जिम्मेदारी लेने के लिए सशक्त भी बना रहा है। जैसे-जैसे यह कार्यक्रम विकसित और विस्तारित हो रहा है, वैसे-वैसे यह भारत के सबसे युवा नागरिकों के लिए एक स्वस्थ, उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद की किरण बन रहा है।

जन आंदोलन प्रतिवर्ष पोषण माह (1-30 सितंबर) और पोषण पखवाड़ा (मार्च का पखवाड़ा) के रूप में मनाए जाते हैं। 2018 से अब तक 6-6 पोषण माह और पोषण पखवाड़ा आयोजित किए जा चुके हैं और इनके माध्यम से विभिन्न विषयों के तहत 100 करोड़ से अधिक पोषण-केंद्रित संवेदीकरण गतिविधियों की सूचना प्रदान की गई है।

 

Previous articleराष्ट्रपति ने महाराष्ट्र सरकार की ‘शासन आपल्या दारी’ और ‘मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना’ के लाभार्थियों को संबोधित किया
Next articleमुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभिन्न जिलों में हुई घटनाओं की जानकारी प्राप्त कर कलेक्टर को दिए निर्देश