गुजरे जमाने की अभिनेत्री आशा पारेख को इस साल का प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार दिया जाएगा। भारतीय सिनेमा में शानदार योगदान के लिए आशा पारेख को भारत का सर्वोच्च फिल्म सम्मान दिया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को यह ऐलान किया। 30 सितंबर को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का वितरण किया जाएगा। Asha Parekh ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत फिल्म आसमान (Aasmaan) से की थी। उनका सबसे सफल फिल्मों में दो बदन, उपकार और कारवां जैसी कई फिल्में हैं। आशा पारेख 1950 से 1973 तक हिंदी फिल्मों में शीर्ष अदाकारा रहीं। उन्हें 1992 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। आशा पारेख को आखिरी बार 1999 में फिल्म ‘सर आंखों पर’ में नजर आई थीं।
पिछले साल रजनीकांत को 2019 के दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। फिर कोरोना महामारी के कारण पुरस्कारों का ऐलान नहीं हो सका था। इस बार हालात सामान्य होने पर फिर से पुरस्कारों का ऐलान किया गया है। आशा पारेख की अन्य सफल फिल्मों में शामिल हैं – दिल देके देखो, जब प्यार किसी से होता है (1961), फिर वही दिल लाया हूं (1963), तीसरी मंजिल (1966), बहारों के सपने (1967), प्यार का मौसम। उन्होंने दारा सिंह के साथ धर्मेंद्र और लंबरदारनी के साथ कंकन दे ओहले जैसी पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय किया है।