तिहाड़ जेल से रिहा हुए अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल आज शाम तिहाड़ जेल से रिहा हो गए। सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने आज उन्हें दिल्ली आबकारी नीति मामले में जमानत दे दी। तिहाड़ जेल के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने उन लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने उनकी रिहाई के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि उनके जीवन का हर पल देश के लिए समर्पित है।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि जमानत का अर्थ यह नहीं है कि केजरीवाल आरोप से मुक्त हो गए हैं और मामला अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है। यादव ने कहा कि आम आदमी पार्टी इसे सत्य की जीत बता रही है लेकिन न्यायालय ने सत्‍य क्‍या है यह स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि न्यायालय के अनुसार, केजरीवाल जमानत के दौरान मुख्यमंत्री के दायित्व का कोई भी काम नही कर सकते हैं।

कोर्ट ने कहा कि जमानत के दौरान केजरीवाल केस की मेरिट पर सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं बोलेंगे। वे ट्रायल कोर्ट में पूरा सहयोग करेंगे। कोर्ट ने कहा कि ईडी के मामले में जमानत की जो शर्तें लगाई गई थी वो सीबीआई के केस में भी लागू होगी। कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को गिरफ्तार कर सीबीआई ने किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया है। कोर्ट ने कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद। कोर्ट को ये जरूर सुनिश्चित करना चाहिए कि ट्रायल के पहले की प्रक्रिया किसी के लिए सजा न बने। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई एक महत्वपूर्ण जांच एजेंसी है और उसकी छवि ऐसी नहीं होनी चाहिए कि जांच ठीक से नहीं हो रही है। छवि काफी महत्वपूर्ण है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई के मामले में काफी देर से गिरफ्तारी काफी महत्वपूर्ण है।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से एएसजी एसवी राजू ने अरविंद केजरीवाल की जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि अगर जमानत दी गई तो वे गवाहों को प्रभावित करेंगे और गवाह अपने बयान से मुकर जायेंगे। उन्होंने कहा था कि केजरीवाल सीधे हाई कोर्ट चले गए जबकि उनको सेशन कोर्ट में जाना चाहिए था। ट्रायल कोर्ट ही किसी मामले की जांच और परीक्षण के लिए पहली कोर्ट है।

सीएम केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केजरीवाल की जमानत की मांग करते हुए कहा था कि कोर्ट को केवल तीन बातों का परीक्षण करने की जरूरत है। पहला कि क्या उनके फरार होने का कोई जोखिम है। दूसरा कि क्या वो गवाहों को प्रभावित करेंगे। तीसरा कि क्या वो सुबूतों से छेड़छाड़ करेंगे। सिंघवी ने कहा था कि केजरीवाल के भाग जाने का कोई खतरा नहीं है। गवाहों को प्रभावित करने और सबूतों से छेड़छाड़ करने का भी रिस्क नहीं है।

सिंघवी ने कहा था कि सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी इंश्योरेंस अरेस्ट है, गिरफ्तारी इसलिए की गई ताकि केजरीवाल को जेल में रखा जा सके। उन्होंने कहा था कि मनी लांड्रिंग कानून के कड़े प्रावधानों के बावजूद केजरीवाल को दो बार सुप्रीम कोर्ट और एक बार ट्रायल कोर्ट ने राहत दी। सिंघवी ने कहा था कि सीबीआई ने केजरीवाल के मामले में दो साल बाद गिरफ्तारी की। यह गिरफ्तारी केवल इसलिए की गई ताकि केजरीवाल को जेल में ही रखा जा सके।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया था। 5 अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की सीबीआई गिरफ्तारी और ट्रायल कोर्ट के सीबीआई हिरासत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने केजरीवाल की सीबीआई की गिरफ्तारी को सही करार दिया था।

गौरतलब हो कि सीबीआई ने 26 जून को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। उसके पहले ईडी ने 21 मार्च की देर शाम अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए 1 जून तक की अंतरिम जमानत देते हुए 2 जून को सरेंडर करने का आदेश दिया था। केजरीवाल ने 2 जून को सरेंडर कर दिया था। ईडी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी

 

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