आत्मनिर्भर पहल के प्रति प्रतिबद्धता के तहत, भारतीय सेना ने कल इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीईएक्स) के माध्यम से आठवें खरीद अनुबंध पर हस्ताक्षर किए है। नई दिल्ली स्थित साउथ ब्लॉक में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एन.एस. राजा सुब्रमणी की उपस्थिति में, मेसर्स क्यूयूएनयू लैब्स के साथ ‘जेनेरेशन ऑफ क्वांटम सिक्योर की (क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन)’ की खरीद के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। क्यूयूएनयू ने आईडीईएक्स के तहत ओपन चैलेंज 2.0 में 200 किमी के सिंगल हॉप क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन का प्रस्ताव रखा था। यह एल्गोरिथम-आधारित एन्क्रिप्शन सिस्टम को प्रतिस्थापित करेगा, जिससे अधिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी और साथ ही जनशक्ति संबंधित प्रतिबद्धता को अधिकतम किया जा सकेगा।
आईडीईएक्स का रक्षा एक्सपो इंडिया 2018 के दौरान 12 अप्रैल 2018 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुभारंभ किया गया था। आईडीईएक्स का उद्देश्य रक्षा एवं एयरोस्पेस में नवाचारों को बढ़ावा देने और तकनीकी विकास को प्रोत्साहित करने के लिए एक इकोसिस्टम बनाना है, जिसमें अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) संस्थान, शिक्षाविद, उद्योग (एमएसएमई सहित), स्टार्ट-अप, व्यक्तिगत अन्वेषक शामिल हैं। इन्हें अनुदान/वित्तपोषण और अन्य सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वे अनुसंधान एवं विकास कर सकें जो भविष्य में भारतीय रक्षा और अतंरिक्ष संगठनों द्वारा अपनाने के लिए उपयुक्त हो। रक्षा नवाचार संगठन के अंतर्गत आईडीईएक्स, स्टार्टअप और इनोवेटर्स के साथ सही तरह के संपर्क स्थापित करने में अग्रणी बन गया है और रक्षा स्टार्टअप समुदाय में इसका काफी अच्छा असर हुआ है।
वर्तमान में आईडीईएक्स के अंतर्गत कुल 74 एआई प्रोजेक्ट हैं जिन्हें आईडीईएक्स (एडीआईटीआई) के साथ इनोवेशन टेक के विकास, डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज (डीआईएससी) और ओपन चैलेंज योजनाओं के हिस्से के रूप में शामिल किया गया है और 77 स्टार्टअप्स को भारतीय सेना के लिए अत्याधुनिक समाधान विकसित करने के लिए सहायता प्रदान की जा रही है। भारतीय सेना पहले ही विभिन्न आईडीईएक्स योजनाओं से प्राप्त चार उपकरणों का क्षेत्र में उपयोग कर रही है। क्षेत्र में उपयोग के परिणामों के आधार पर, स्टार्टअप्स के साथ मिलकर नवीन प्रौद्योगिकी के आगे के विकास को गति प्रदान की जाएगी।