प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने अपना लिखा गरबा गीत ‘आवती कलाया मदी वाया कलाया’ साझा किया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज देवी दुर्गा की प्रार्थना के रूप में लिखा एक गरबा गीत ‘आवती कलाया मदी वाया कलाया’ साझा किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नवरात्रि के पांचवें दिन देवी स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया “मां दुर्गा के पंचम स्वरूप देवी स्कंदमाता के चरणों में कोटिश: नमन! सुखदायिनी-मोक्षदायिनी माता के आशीर्वाद से सबका कल्याण हो। इस अवसर पर उनसे जुड़ी एक स्तुति…”।

प्रधानमंत्री मोदी ने गरबा गीत गाने के लिए गायिका पूर्वा मंत्री को भी धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया “यह नवरात्रि का शुभ अवसर है और लोग मां दुर्गा की भक्ति में एकजुट होकर अलग-अलग तरीकों से जश्न मना रहे हैं। श्रद्धा और आनंद की इस भावना में यहां #AavatiKalay प्रस्‍तुत है। यह गरबा गीत मैंने उनकी शक्ति और कृपा के लिए एक प्रार्थना के रूप में लिखा है। उनका आशीर्वाद हमेशा हम सभी पर बना रहे।” “मैं इस गरबा को गाने और इसकी इतनी मधुर प्रस्तुति देने के लिए एक प्रतिभाशाली उभरती गायिका पूर्वा मंत्री को धन्यवाद देता हूं। #AavatiKalay”

प्रधानमंत्री मोदी ने उभरती गायिका, पूर्वा मंत्रि का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस गरबा गीत को गाया और इसे बेहद मधुर तरीके से पेश किया। इससे पहले, 3 अक्टूबर को प्रधानमंत्री ने नवरात्रि के पहले दिन देशवासियों को शुभकामनाएं दी थीं। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने मां शैलपुत्री मां दुर्गा का पहले स्वरूप से सभी के लिए आशीर्वाद की प्रार्थना की। उन्होंने लिखा, “नवरात्रि के पहले दिन मैं मां शैलपुत्री से प्रार्थना करता हूं कि उनकी कृपा हम सभी पर बनी रहे।”

नवरात्रि, जिसका संस्कृत में अर्थ ‘नौ रातें’ है, देवी दुर्गा और उनके नौ रूपों की आराधना को समर्पित पर्व है। यह भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है, जिसमें देवी की पूजा, अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। गौरतलब है कि सालभर में दो प्रमुख नवरात्रियों का उत्सव मनाया जाता है – चैत्र नवरात्रि वसंत में और शारदीय नवरात्रि। इस पर्व का समापन विजयादशमी के साथ होता है, इसे दशहरा के नाम से भी जानते हैं जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे उत्तर भारतीय राज्यों में इस दिन रामलीला का आयोजन होता है और रावण के पुतले का दहन किया जाता है।

 

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