केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने देश के युवाओं से देश के सांस्कृतिक राजदूत बनने का आग्रह किया। शेखावत कल नवी मुंबई में डीवाई पाटिल डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी में विकसित भारत एम्बेस्डर युवा कनेक्ट कार्यक्रम में बोल रहे थे। शेखावत ने कहा कि भारत बड़ी संख्या में वैश्विक पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस संबंध में उन्होंने युवाओं और छात्र समुदाय से देश की संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों के वाहक और रक्षक बनने का आग्रह किया।
इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री शेखावत ने कहा कि देश के युवा ही विकसित भारत के निर्माता होंगे और भविष्य में विकसित भारत में रहने वाले लोग विकसित भारत के निर्माण का श्रेय आज के युवाओं को देंगे। उन्होंने युवाओं से देश के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करने का अनुरोध किया, जिन्होंने भारत को औपनिवेशिक शासकों से स्वतंत्र कराने के लिए अपना बलिदान दिया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब समय और अवसर आ गया है कि हम राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें और 2047 में विकसित भारत का निर्माण करें, जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने पिछले वर्षों में ‘सुधार, प्रदर्शन, परिवर्तन’ (रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म) की रणनीति अपनाई है, जिससे अनेक नागरिकों के जीवन में बदलाव आया है। इस रणनीति के तहत बैंकिंग सुविधा से वंचित लोगों को बैंकिंग सुविधा देने, दुनिया के सबसे बड़े वित्तीय समावेशन की शुरुआत, वित्तपोषित लोगों को वित्तपोषित करने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, अकुशल लोगों को कौशल प्रदान करने, कृषि उत्पादों के लिए ‘एक राष्ट्र एक बाजार’ और बीमा रहित लोगों का बीमा करने जैसी पहल की गई।
पिछले दस वर्षों में देश ने बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का विकास और परिवर्तन भी देखा है। सरकार ने डिजिटलीकरण और डिजिटल भुगतान पर भी जोर दिया है जो कई अन्य देशों के लिए मिसाल बन गया है। डिजिटल इंडिया पर जोर देने देते हुए देश में कोविड-19 के दौरान सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भी चलाया गया। इन बातों का उल्लेख करते हुए श्री शेखावत ने कहा कि आज भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और देश के युवाओं ने देश को आगे बढ़ाने में बड़ा योगदान दिया है।
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री शेखावत ने कहा कि आत्मनिर्भरता ही आगे बढ़ने का रास्ता है। इस संदर्भ में, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रक्षा विनिर्माण क्षेत्र जैसे कई क्षेत्रों में ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई देशों में तेजस विमानों की बहुत मांग है। शेखावत ने कहा कि भारत की सफलता की कहानी विकास की गति और स्तर, भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहनशीलता और देश के पारंपरिक मूल्यों द्वारा लाई गई है।
इस अवसर पर गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सफल छात्रों से बातचीत भी की। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य लोगों में डीवाई पाटिल डीम्डी टू बी यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति एवं अध्यक्ष डॉ. विजय डी. पाटिल, डीवाई पाटिल डीम्डी टू बी यूनिवर्सिटी की प्रो. वाइस चांसलर एवं उपाध्यक्ष डॉ. शिवानी वी. पाटिल, वाइस चांसलर वंदना मिश्रा और एनवाईकेएस के निदेशक (महाराष्ट्र और गोआ) प्रकाश कुमार मनुरे शामिल थे।