प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पूरे देश में राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनायी जा रही है। जनजातीय गौरव दिवस इतिहास के एक बहुत बड़े अन्याय को दूर करने का एक ईमानदार प्रयास है। आजादी के बाद जनजातीय वर्ग के योगदान को इतिहास में वह स्थान नहीं दिया गया, जिसके लिये वे हकदार थे। जनजातीय समाज वो है, जिसने राजकुमार राम को भगवान बनाया। भारत की संस्कृति और आजादी के रक्षा के लिये सैकड़ो वर्षों की लड़ाई का नेतृत्व दिया। आजादी के बाद के दशकों में जनजातीय वर्ग के अनमोल योगदान को मिटाने की कोशिश की गई। इसके पीछे स्वार्थ भरी राजनीति थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जनजातीय समाज के समग्र कल्याण के लिये अनेक योजनाएँ संचालित कर उनके आर्थिक और सामाजिक विकास का कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर बिहार जिले के जमुई में आयोजित राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस पर संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती पर 6 हजार करोड़ रूपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया है। इसमें जनजातीय वर्ग के बच्चों के भविष्य को संवारने वाले स्कूल और हॉस्टल, जनजातीय वर्ग की महिलाओं के लिये स्वास्थ्य सुविधा, जनजातीय क्षेत्रों को जोड़ने वाली सैकड़ों किलोमीटर की सड़कें, जनजातीय वर्ग की संस्कृति को समर्पित संग्रहालय एवं जनजातीय वर्ग के डेढ़ लाख परिवारों को पक्के घर के स्वीकृति पत्र वितरित किये गये हैं। साथ ही आज देव दीपावली के दिन 11 हजार से अधिक जनजातीय परिवारों को अपने घर में प्रवेश कराया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा के बादल भोई जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय एवं जबलपुर के राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह स्वंतत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का वर्चुअली लोकापर्ण किया।
मध्यप्रदेश के शहडोल जिला मुख्यालय पर आयोजित राज्यस्तरीय जनजातीय गौरव दिवस समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप मुख्यमंत्री एवं शहडोल जिले के प्रभारी मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल, सीधी सांसद डॉ. राजेश मिश्रा, अध्यक्ष कोल विकास प्राधिकरण रामलाल रोतेल सहित जन-प्रतिनिधि मौजूद रहे। राज्यपाल पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन कर किया। अतिथियों का स्वागत जनजातीय परंपरा अनुसार किया गया।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सम्पूर्ण देश में जनजातीय कल्याण के अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। पीएम जन मन योजना और सिकल सैल उन्मूलन मिशन, जनजाति कल्याण का महाभियान है। इस महाभियान में राज्य सरकार द्वारा जनजाति कल्याण के बेहतरीन कार्य किए जा रहे हैं। अनेक विभागों के माध्यम से अति पिछड़ी जनजातियों को विकास की मुख्यधारा में लाने के कारगर प्रयास लगातार जारी है।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि सिकल सैल उन्मूलन मिशन का संकल्प मध्यप्रदेश की धरती से लिया जाना प्रदेश के लिए सौभाग्य की बात है। केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा सिकल सैल उन्मूलन की दिशा में जाँच और जागरूकता के कार्य सघन स्तर पर किए जा रहे हैं। प्रदेश में अब तक 82 लाख लोगों की सिकलसेल स्क्रीनिंग पूर्ण हो गई है। राज्यपाल पटेल ने शहडोल ज़िले के सिकल सैल जाँच कार्यों की जानकारी लेते हुए अधिकारियों को सिकल सैल कार्ड वितरण का कार्य जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि सिकल सैल से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय, इस रोग के प्रति जागरूकता ही है। उन्होंने कहा कि शादी के पूर्व लड़का-लड़की सिकल सैल कार्ड का मिलान ज़रूर करें। उन्होंने कहा कि गर्भधारण के दौरान और जन्म के बाद भी बच्चे के सिकल सैल की जाँच ज़रूर कराएं। राज्यपाल पटेल ने सभी से आह्वान किया कि सिकल सैल की जाँच और जागरूकता हम सभी की सामूहिक ज़िम्मेदारी है। राज्यपाल पटेल ने भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती पर उनका नमन किया और प्रदेश एवं देश के महान क्रांतिकारी, जनजातीय सपूतों का पुण्य स्मरण भी किया। उन्होंने जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जबलपुर और छिंदवाड़ा के जनजातीय संग्रहालय के लोकार्पण के प्रति आभार ज्ञापित किया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जल, जंगल और जमीन का अधिकार जनजातीय समाज का मूल अधिकार है। इसे अंग्रेज उनसे छीनना चाहते थे। भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के अत्याचार, अनाचार के खिलाफ जनजातीय समाज को खड़ा किया और अंग्रेजों के खिलाफ दो स्तरों पर लड़ाई लड़ी। एक ओर उन्होंने जनजातीय समाज के मूल अधिकार की रक्षा की और दूसरी ओर ईसाई मिशनरियों द्वारा हमारे धर्म के साथ छेड़छाड़ कर हमारे जनजातीय भाइयों को ईसाई बनाने के कुत्सित प्रयासों को ध्वस्त किया। आज हम भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें हृदय से स्मरण और नमन करते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास को देश के समक्ष लाने का अभियान चलाया है। उन्होंने प्रतिवर्ष देश भर में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाने का निर्णय मध्यप्रदेश में ही लिया। आज पूरे देश में भगवान बिरसा मुंडा जयंती मनाई जा रही है। भगवान बिरसा मुंडा का जीवन हम सबके लिए मार्गदर्शक है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में जनजाति गौरव को पुनर्स्थापित करने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहे हैं। आज महान जनजाति नायक बादल भोई और शंकर शाह रघुनाथ शाह के संग्रहालय का लोकार्पण किया गया है। टंट्या मामा भील मालवा क्षेत्र के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। प्रदेश में खरगोन के नए विश्वविद्यालय का नाम क्रांतिवीर टंट्या मामा विश्वविद्यालय रखा जा रहा है। महू के पास रेलवे स्टेशन का नामकरण भी उनके नाम पर किया गया है। प्रदेश में कोदो, कुटकी को प्रोत्साहित करने के लिए रानी दुर्गावती योजना चलाई जा रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय समाज आज भी हमारी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखे है। भगवान श्रीराम के रावण के विरुद्ध संघर्ष में जनजातीय समाज ने सहयोग किया। भगवान श्रीकृष्ण मोर पंख धारण करते थे, जनजातीय समाज भी मोर पंख धारण करता है। भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण एवं बिरसा मुंडा को याद करने से हमें अपनी संस्कृति की जड़ों से जुड़ने का मौका मिलता है। आज जनजातीय समाज के लोगों ने मुझे जो वीरन माला पहनाई है, यह कोई सामान्य माला नहीं है, इसका विशेष महत्व है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजाति समाज के विकास और कल्याण के कार्यों में कोई कमी नहीं रखी जाएगी। नदी जोड़ो अभियान का लाभ पूरे देश को मिलेगा। बाणसागर परियोजना का पानी अब शहडोल जिले को भी मिलेगा। शहडोल में स्थाई हेलीपैड बनाया जाएगा। सरकारी सुविधाओं का लाभ हर व्यक्ति को मिलेगा। सरकार ने निर्णय लिया है कि यदि दुर्घटना में कोई भी व्यक्ति घायल होता है और पास में हवाई पट्टी है तो उसे उपचार के लिए हवाई मार्ग से अस्पताल ले जाया जाएगा।
राज्यपाल पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर शहडोल में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम के दौरान 229.66 करोड़ रूपये की लागत से 76 विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। इनमें 68.15 करोड़ रुपये की लागत से 33 विकास कार्यों का लोकार्पण तथा 161.51 करोड़ रुपये की लागत के 43 विकास कार्यों का भूमि-पूजन शामिल हैं। राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम गुटुम्ब, शैला नृत्य, करमा जैसे अन्य पारंपरिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गईं। महिला बाल विकास विभाग, वन विभाग, शिक्षा एवं ट्रायवल विभाग, आजीविका मिशन, हथकरघा विभाग, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा योजनाओं से संबंधित प्रदर्शनी लगाई गई। इस अवसर पर विधायकगण, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, जनजातीय समाज के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में जनजातीय समाज के नागरिक मौजूद रहे। विधायक मनीषा सिंह ने आभार माना।