मध्य प्रदेश के वकीलों को अवकाश के बदले दूसरे दिनों पर करना होगा कार्य

जबलपुर । प्रदेश के वकीलों को रक्षाबंधन पर्व पर 11 अगस्त का अवकाश इस शर्त पर मिला है कि इसका समायोजन दूसरे दिनों में कार्य करके करना होगा। हाई कोर्ट के वकील तीन सितम्बर को व जिला अदालत के वकील 17 सितम्बर को कार्य करेंगे। इसी आधार पर हाई कोर्ट व जिला बार की मांग को पूरा किया गया है।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर व खंडपीठ इंदौर व ग्वालियर के साथ-साथ राज्य सभी अधीनस्थ अदालतों में गुरुवार, 11 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व के उपलक्ष्य में अवकाश घोषित कर दिया गया है।
मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ के आदेश पर रजिस्ट्रार जनरल रामकुमार चौबे ने मंगलवार, नौ अगस्त को इस आशय का आदेश जारी कर दिया। इस अवकाश दिवस का समायोजन तीन सितम्बर को हाई कोर्ट में व 17 सितम्बर को जिला अदालतों में कार्य-दिवस रखकर किया जाएगा।
विधिवत आदेश जारी होने के साथ ही हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, जबलपुर के अध्यक्ष संजय वर्मा व सचिव परितोष त्रिवेदी और जिला बार एसोसिएशन, जबलपुर के अध्यक्ष आरके सिंह सैनी व सचिव राजेश तिवारी की मांग पूरी हो गई। उन्होंने पूर्व में हाई कोर्ट व जिला अदालत के वकीलों की मांग को गंभीरता से लेकर 11 अगस्त को अवकाश घोषित करने की आवश्यकता रेखांकित की थी। इस सिलसिले में रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से मुख्य न्यायाधीश तक लिखित संदेश पहुंचाया था।
एमपी स्टेट बार कौंसिल के चेयरमैन डा.विजय कुमार चौधरी से भी हस्तक्षेप की मांग की गई थी। हाई कोर्ट बार अध्यक्ष संजय वर्मा व सचिव परितोष त्रिवेदी ने वर्षों पुरानी केस एडजस्टमेंट सुविधा समाप्त होने से वकीलों को होने वाली असुविधा को लेकर भी एक पत्र लिखा गया था। उम्मीद जताई जा रही है कि शीघ्र ही इस संबंध में भी उचित निर्णय लिया जाएगा। हाई कोर्ट व जिला बार ने मांग पूरी होने पर आभार जताया है। लंबित मुकदमों के बोझ से ग्रस्त हाई कोर्ट व जिला अदालतों को पूरा सहयोग देने का वादा किया है।

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