मुखिया का संकल्प हमारी सेवा का आधार बनेगा – रामेश्वर शर्मा

भोपाल की पहली सबसे लंबी सिक्स-लेन सड़क और संत हिरदाराम नगर में बनने वाले प्रदेश के पहले डबल डेकर ऐलिवेटेड कॉरिडोर के बाद अब विधायक रामेश्वर शर्मा के विधानसभा क्षेत्र हुजूर के नाम एक और कीर्तिमान जुड़ने जा रहा है। हुजूर के बरखेड़ी डोब गांव में 25 एकड़ क्षेत्र में प्रदेश की पहली हाई-टेक गौशाला बनने जा रही है। इस गौशाला का भूमिपूजन स्वयं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा आगामी 23 नवंबर को किया जाएगा। मुख्यमंत्री के भूमिपूजन कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर गुरुवार को विधायक रामेश्वर शर्मा ने भोपाल कलेक्टर कोशलेंद्र विक्रम सिंह के साथ आयोजन स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण, पुलिस अधीक्षक प्रमोद सिन्हा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, समाजसेवी एवं भाजपा कार्यकर्ता भी साथ रहे। विधायक ने आयोजन की व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए अधिकारियों को तैयारियों संबंधी निर्देश दिए।

भोपाल के बरखेड़ी डोब क्षेत्र में बनने जा रही इस अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस गौशाला का भूमिपूजन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के कर कमलों से संपन्न होगा। भूमिपूजन आगामी 23 नवंबर को प्रातः 10 बजे बरखेड़ी डोब गांव में किया जाएगा।

निरीक्षण को पहुँचे विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि – यह हमारा सौभाग्य है कि मध्यप्रदेश की कमान एक ऐसे व्यक्तित्व के हाथ में हैं जो मन-वचन-कर्म से गौमाता की सेवा में संलग्न रहते हैं। गौमाता का संरक्षण और संवर्धन जिनकी प्राथमिकता है। प्रदेश भर में गौशालाओं के निर्माण के साथ ही गायों के आहार और सुविधा के बंदोबस्त के लिए भी प्रबंध कराते हैं। हमारी सनातन परंपरा में में गाय को माता कहा गया है। उनमें 33 कोटि देवताओं का निवास माना गया है। गौ के पंचगव्य आयुर्वेद में सर्वोत्तम औषधि माने गए हैं। और गौ की सेवा स्वयं मोक्षदायिनी होती है। ऐसे में हुजूर में इस अत्याधुनिक गौशाला का निर्माण मेरे भी पुण्यों का उदय है। जिस प्रकार माननीय मुख्यमंत्री जी सदैव गौसेवा के लिए संकल्पित रहते हैं। उसी तरह अपने मुखिया का संकल्प हमारी गौसेवा का आधार बनेगा।

ये होंगी गौशाला की विशेषताएँ – गौशाला 10 हजार गायों की क्षमता वाली अत्याधुनिक गौ-शाला होगी। 15 करोड़ की लागत से लगभग 25 एकड़ क्षेत्र में बनाई जाएगी। सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से गायों की 24×7 मॉनिटरिंग की जाएगी। गायों को भूसा, हरा घास, पशु आहार आदि कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से पहुंचाया जाएगा। गोबर एवं गौमूत्र से विभिन्न सामग्री तैयार की जाएगी। जैविक खाद निर्माण के लिए संयंत्र भी लगाया जाएगा। गायों के उपचार के लिए सभी संसाधनों से युक्त चिकित्सा वार्ड का निर्माण किया जाएगा।

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