करवाचौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा
जाता है। इस साल करवाचौथ का व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा। साथ ही इस साल
करवा चौथ पर बहुत ही शुभ संयोग बन रहे हैं। करवा चौथ पर इस बार 46 साल
बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसके प्रभाव से सुहागिनों को शुभ फल की
प्राप्ति होगी। दरअसल इस दिन कुल मिलाकर 5 विशेष संयोग बन रहे हैं, जिससे
इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया
है। इन दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। साथ ही चांद
निकलने तक अन्न, जल का त्याग करती हैं। साथ ही इस दिन मां पार्वती, भगवान
शिव और गणेशजी की पूजा करने का विधान होता है।
चंद्रमा की पूजा करने का शुभ समय और विशेष योग करवा चौथ पर बन रहे ये विशेष योग
करवा चौथ पर सिद्ध योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग से हो रही है। इस दिन शुक्र और बुध दोनों एक राशि यानी कन्या राशि में रहेंगे, इसलिए लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण हो रहा है।
कन्या राशि में ही बुध और सूर्य बुधादित्य योग का भी निर्माण कर रहे हैं। गुरु और बुध अपनी स्वराशियों में स्थित होंगे।साथ ही चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेंगे। करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा की पूजा करना शुभ मंगलकारी माना जाता है। पंचाग के मुताबिक करवाचौथ के दिन शाम में रोहिणी नक्षत्र 6 बजकर 41 मिनट पर शुरू हो रहा है। इसलिए इस नक्षत्र में पूजा
करना शुभ फलदायी माना जाता है। इस नक्षत्र में पूजा करने से चंद्रमा ग्रह
का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही घर में सुख- समृद्धि का वास रहता
है।