मुख्यमंत्री डॉ. यादव उज्जैन के क्षिप्रा तट से करेंगे प्रदेशव्यापी जल संरक्षण अभियान की शुरुआत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदर्शी सोच के साथ मध्यप्रदेश में वर्षा जल की बूंद-बूंद बचाने का “जल गंगा संवर्धन” महा अभियान गुड़ी पड़वा के दिन 30 मार्च से शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन स्थित क्षिप्रा तट पर वरुण (जल देवता) पूजन और जलाभिषेक के साथ “जल गंगा संवर्धन अभियान” का विधिवत शुभारंभ करेंगे। यह प्रदेशव्यापी अभियान ग्रीष्म ऋतु में 30 जून तक 90 दिन से अधिक समय तक लगातार चलेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव हर दिन एक छोटी-बड़ी जल संरचना को लोकार्पित करेंगे। उन्होंने कहा है कि जल संरक्षण के इस अभियान से प्रदेश में भूजल स्तर में सुधार आएगा। पानी की बूंद-बूंद बचाएं, तभी हमारी सांसें बचेंगी। मध्यप्रदेश सरकार जन, जल, जंगल, जमीन और वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का जल संरक्षण अभियान देशभर में एक व्यापक जन-आंदोलन बना है। राज्य सरकार भी ‘खेत का पानी खेत में-गांव का पानी गांव में’ के सिद्धांत पर जल संरक्षण की दिशा में अभियान चला रही है।
हमारी धरा के कुल जल का केवल एक छोटा हिस्सा ही पीने योग्य स्वच्छ जल के रूप में उपलब्ध है। पृथ्वी के कुल जल का लगभग 97 प्रतिशत महासागरों में खारा जल है, जो पीने योग्य नहीं है। शेष 3 प्रतिशत मीठा जल है, लेकिन इसमें से भी अधिकांश हिमखंडों और बर्फ की चोटियों में जमा है। सिर्फ 0.5 प्रतिशत से भी कम पानी झीलों, नदियों और भूजल के रूप में उपलब्ध है, जिसे हम उपयोग कर सकते हैं। पृथ्वी पर स्वच्छ और पीने योग्य पानी की मात्रा बहुत ही सीमित है और इसे संरक्षित करना बेहद ज़रूरी है। इसीलिए मध्यप्रदेश सरकार ने जल बचाने के लिए कदम बढ़ाये हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि “जल गंगा संवर्धन अभियान” में जल संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए वर्षा जल संचयन, जल स्रोतों का पुनर्जीवन और जल संरक्षण तकनीकों को अपनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार का यह अभियान जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे जल संरक्षण से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता देकर अधिक से अधिक लोगों को अभियान से जोड़ें। उन्होंने कहा कि “जल गंगा संवर्धन अभियान”, प्रदेश में जल संकट को खत्म करने और भावी पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में मील का पत्थर सिद्ध होगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रदेशव्यापी जल संवर्धन अभियान में जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, पर्यावरण विभाग, नगरीय विकास एवं आवास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्कूल शिक्षा, उद्यानिकी एवं कृषि सहित 12 से अधिक अन्य विभाग एवं प्राधिकरण साथ मिलकर जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार के कार्य करेंगे। अभियान की थीम ‘जन सहभागिता से जल स्त्रोतों का संवर्धन एवं संरक्षण’ रखी गई है।