मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक साल में एक लाख रिक्त पदों पर भर्ती की घोषणा की है। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से रिक्त पदों की जानकारी तो मंगवा ली है लेकिन विभाग एक साथ इतनी भर्तियां नहीं कर सकते हैं। दरअसल, भर्ती नियम में विभागों को कुल स्वीकृत संवर्ग के पांच प्रतिशत पद भरने का ही अधिकार है।
इस स्थिति को देखते हुए भर्ती नियम में एक बदलाव किया जा रहा है। इसके तहत वित्त विभाग केवल एक बार के लिए विभागों को निर्धारित सीमा से अधिक पदों पर भर्ती की अनुमति दे सकता है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस आशय का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया है। इस पर अगले सप्ताह तक अंतिम निर्णय हो जाएगा।
प्रदेश में राज्य संवर्ग के चार लाख 59 हजार 552 पद स्वीकृत हैं। इनमें से तीन लाख 57 हजार 726 भरे हुए हैं। एक लाख एक हजार 958 रिक्त हैं। इनमें से 21 हजार 96 पद बैकलाग के हैं। इनके लिए सरकार को कई प्रयास करने के बाद भी अनुसूचित जाति-जनजाति और निशक्तजनों के योग्य व्यक्ति नहीं मिल रहे हैं।
बैकलाग समाप्त करने के लिए जून 2023 तक विशेष भर्ती अभियान चलाया जा रहा है। वहीं, राज्य संवर्ग के शेष प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों को भरने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। जिला और संभाग स्तरीय संवर्ग के रिक्त पदों की जानकारी भी एकत्र की जा रही है। रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती के लिए नियमों में संशोधन भी किया जा रहा है। पुलिस मुख्यालय ने आरक्षक भर्ती नियम में संशोधन प्रस्तावित कर दिया है, जिसे गृह विभाग अंतिम रूप दे रहा है।
मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार अब पचास प्रतिशत अंक शारीरिक दक्षता के रहेंगे। अभी तक लिखित परीक्षा के आधार पर चयन होता था और शारीरिक दक्षता केवल पात्रता के लिए देखी जाती थी, इसके अंक नहीं मिलते थे।
इसके साथ ही विभागों को स्वीकृत संवर्ग में पांच प्रतिशत से अधिक पदों पर भर्ती करने का अधिकार दिया जाएगा। अभी पांच प्रतिशत से यदि अधिक पद एक बार में भरने हैं तो वित्त विभाग की अनुमति अनिवार्य है।
इसके कारण विभाग भर्ती के प्रस्ताव बनाकर नहीं भेज पा रहे थे। मुख्यमंत्री की सहमति मिलने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने नियम में संशोधन के लिए प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग को भेज दिया है। इसमें एक बार के लिए नियम में छूट देना प्रस्तावित है। विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार का कहना है कि वित्त विभाग की अनुमति मिलने के बाद आगामी प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी।