सड़क और रेलमार्ग देश की विकास की धमनियां हैं। एक अच्छा सड़क मार्ग विकास के कई द्वार खोलता है। रीवा से सीधी के बीच प्रदेश की सबसे बड़ी सड़क सुरंग बनकर तैयार है। नेशनल हाइवे नम्बर-75 ई में मोहनिया घाटी में बनाई गई इस सुरंग से रीवा और सीधी के बीच में सात किलोमीटर की दूरी घटेगी। आवागमन सुगम होने के साथ लगभग 45 मिनट का कम समय सीधी पहुंचने में लगेगा। यह सुरंग आवागमन को सुगम करने के साथ पर्यावरण एवं वन्य जीवों के संरक्षण में भी सहायक सिद्ध होगी। मोहनिया घाटी में सुरंग बन जाने से आवागमन लगभग बंद हो जाएगा। इससे घाटी में रहने वाले छोटे-बड़े वन्य जीव स्वच्छंद रूप से विचरण कर सकेंगे।
रीवा से सीधी के बीच बनाई गई सड़क सुरंग का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। राष्ट्रीय सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा इसका निर्माण 1004 करोड़ रुपए की लागत से किया गया। इसका निर्माण कार्य 18 दिसम्बर 2018 को आरंभ हुआ। इसका निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा मार्च 2023 से 6 महीने पहले ही पूरा हो गया है। मोहनिया घाटी में बनाई गई इस सुरंग की कुल लंबाई 2280 मीटर है। इसमें कुल छह लेन हैं, जिनमें से तीन आने के लिए तथा तीन जाने के लिए हैं। इन लेनों को आपस में सात स्थानों पर जोड़ने के लिए अंडर पास दिए गए हैं। यदि कोई वाहन बीच से वापस लौटना चाहे तो सरलता से लौट सकता है। सुरंग के साथ घाटी से लेकर चुरहट तक 15.7 किलोमीटर की फोरलेन बायपास सड़क का भी निर्माण किया गया है। रीवा की ओर सुरंग के शुरुआत बिन्दु पर रीवा का इकलौता सोलर पावर प्लांट स्थापित है। यह टनल दो बड़े निर्माण कार्यों का मिलन स्थल है।