भारत के पड़ोसी देशों में अस्थिरता की आग

भारत के पड़ोसी देशों में अस्थिरता की आग
नेपाल में बीते दो दिनों से अराजकता का माहौल है। गैर-पंजीकृत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले के बाद नेपाल के युवाओं ने जो आंदोलन छेड़ा, वह देखते ही देखते काठमांडू से लेकर पूरे देश में फैल गया। स्थिति यह हो गई कि सोमवार को गृह मंत्री और फिर मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ गया। इसी के साथ भारत के आसपास के देशों में नेपाल भी उन देशों में शामिल हो गया है, जहां राजनीतिक संकट अब बाकी पड़ोसी देशों की तरह ही गहरा गया है।

नेपाल में अचानक कैसे बिगड़ गई स्थिति?
नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के तीन दिन बाद नेपाली युवा सड़कों पर उतर आए। इस दौरान हजारों युवाओं ने संसद के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिए। जेनरेशन जी, जिन्हें ‘जेन जी’ कह कर भी संबोधित किया जाता है ने सरकार से अलग-अलग मुद्दों पर जवाबदेही तय करने को कहा। साथ ही भ्रष्टाचार और वंशवाद के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन किए।

इन प्रदर्शनों को रोकने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इसका असर यह हुआ कि सेना की गोलीबारी और सख्त कदमों के चलते 20 लोगों की मौत हो गई। इसके बावजूद जब युवाओं के प्रदर्शन नहीं रुके तो सरकार को अंदाजा हो गया कि हिंसा और बढ़ सकती है। देखते ही देखते नेपाल के गृह मंत्री ने स्थिति बिगड़ने के लिए पूरी तैयारी न होने की जिम्मेदारी ली और इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सांसदों के इस्तीफे शुरू हो गए और कृषि मंत्री ने भी इस्तीफा दे दिया। आखिरकार मंगलवार दोपहर आते-आते नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी इस्तीफा दे दिया। उनके नेपाल से भागने की खबरें भी सामने आईं। हालांकि, इनकी पुष्टि नहीं हो पाई।

Previous articleजीएसटी सुधार, आम आदमी को सुविधा और समृद्धि देने वाला उपहार : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
Next articleसीपी राधाकृष्णन चुने गए भारत के अगले उपराष्ट्रपति